उदयपुर/चंडीमंदिर : भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने आज जम्मू-कश्मीर के उदयपुर में उत्तरी कमांड और हरियाणा के चंडीमंदिर में पश्चिमी कमांड का दौरा कर ऑपरेशन सिन्दूर की सफलता का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ सेना की मजबूत रणनीति और सैनिकों के अदम्य साहस की जमकर तारीफ की।
जनरल चौहान ने अपने दौरे की शुरुआत उत्तरी कमांड से की, जहां उन्हें लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने ऑपरेशन सिन्दूर के तहत आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने की विस्तृत जानकारी दी। यह ऑपरेशन उत्तरी सीमा पर बढ़ते खतरों और आतंकी घुसपैठ को रोकने के लिए शुरू किया गया था। सेना ने इस अभियान में दुश्मन की 9 आतंकी संपत्तियों को नष्ट कर एक बड़ा झटका दिया। CDS ने सैनिकों की बहादुरी को सलाम करते हुए कहा, “आपने कठिन परिस्थितियों में भी शानदार प्रदर्शन किया है, जो भारतीय सेना की गौरवशाली परंपरा को दर्शाता है।”
इसके बाद जनरल चौहान चंडीमंदिर पहुंचे, जहां पश्चिमी कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। यहां उन्होंने उत्तरी और पश्चिमी थिएटरों में रणनीतिक और परिचालन स्थिति की गहन समीक्षा की। जनरल चौहान ने सेना, नौसेना और वायुसेना के बीच बेहतर तालमेल और सतर्कता की जरूरत पर जोर दिया ताकि भविष्य के खतरों से निपटा जा सके।
ऑपरेशन सिन्दूर को आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत नीति का प्रतीक माना जा रहा है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस अभियान ने न केवल आतंकी ढांचे को कमजोर किया, बल्कि सैन्य और नागरिक क्षेत्रों की सुरक्षा को भी मजबूत किया। हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने भी ऑपरेशन की सफलता को “आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस” का उदाहरण बताया था।
दौरे की एक तस्वीर में जनरल चौहान को हेलिकॉप्टर के सामने अधिकारियों से मुलाकात करते देखा गया, जबकि दूसरी तस्वीर में वह चाणक्य की प्रतिमा और अशोक चक्र के सामने सैन्य अधिकारियों के साथ खड़े हैं। यह पृष्ठभूमि भारत की रणनीतिक चिंतन और एकता की भावना को रेखांकित करती है।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि ऑपरेशन सिन्दूर की सफलता भारत की मल्टी-डोमेन ऑपरेशंस (MDO) रणनीति को मजबूत करती है, जो आधुनिक युद्ध की चुनौतियों से निपटने के लिए जरूरी है। जनरल चौहान ने भी इस बात पर जोर दिया कि सेना को हर क्षेत्र में अपनी ताकत का इस्तेमाल करते हुए कमजोरियों को दूर करना होगा।