नई दिल्ली : भारत में एक बार फिर कोविड-19 के नए वेरिएंट्स ने चिंता बढ़ा दी है। भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के आंकड़ों के अनुसार, JN.1 वेरिएंट के बाद अब NB.1.8.1 और LF.7 नामक दो नए सब-वेरिएंट्स की पहचान की गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से सतर्कता बरतने और कोविड-19 से बचाव के उपायों का सख्ती से पालन करने की सलाह दी है।
INSACOG के अनुसार, NB.1.8.1 वेरिएंट का पहला मामला अप्रैल 2025 में त उसकी एक और पहचान की गई है, जो कि तमिलनाडु में सामने आया था। वहीं, मई 2025 में गुजरात में LF.7 वेरिएंट के चार मामले दर्ज किए गए। ये दोनों वेरिएंट JN.1 से उत्पन्न हुए हैं, जो वर्तमान में भारत में सबसे प्रमुख कोविड-19 स्ट्रेन है।
विशेषज्ञों का कहना है कि JN.1 में L455S म्यूटेशन मौजूद है, जिसके कारण यह पहले के वेरिएंट्स की तुलना में 1.5 गुना अधिक संक्रामक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने NB.1.8.1 और LF.7 को “वेरिएंट्स अंडर मॉनिटरिंग” की श्रेणी में रखा है, क्योंकि इनमें उच्च संचरण (ट्रांसमिसिबिलिटी) की संभावना देखी गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 26 मई 2025 तक भारत में कोविड-19 के कुल 257 सक्रिय मामले हैं। इनमें सबसे ज्यादा मामले केरल (95), तमिलनाडु (66) और महाराष्ट्र (56) में दर्ज किए गए हैं। हालांकि, अधिकांश मामले हल्के हैं और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी है। फिर भी, विशेषज्ञों ने उच्च जोखिम वाले समूहों, जैसे बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों, को बूस्टर डोज लेने और मास्क पहनने जैसे एहतियाती कदम अपनाने की सलाह दी है।
एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में मई के बाद से कोविड-19 के 164 नए मामले सामने आए हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा केरल (69), महाराष्ट्र (44) और तमिलनाडु (33) में दर्ज किए गए। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि स्थिति अभी नियंत्रण में है और घबराने की जरूरत नहीं है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि JN.1 वेरिएंट की उत्पत्ति BA.2.86 लाइनेज से हुई है, जो अगस्त 2023 में पहली बार सामने आई थी। इस लाइनेज में स्पाइक प्रोटीन में 30 से ज्यादा म्यूटेशन्स पाए गए हैं, जो इसे इम्यून सिस्टम से बचने में सक्षम बनाते हैं। JN.1 में मौजूद S:L455S म्यूटेशन इसे और अधिक संक्रामक बनाता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाए रखने और नियमित रूप से हाथ धोने जैसे बुनियादी उपायों को अपनाने का आग्रह किया है। साथ ही, यह भी सलाह दी गई है कि कोविड-19 के लक्षण दिखने पर तुरंत टेस्ट करवाएं और डॉक्टर से संपर्क करें।
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में अभी बड़े पैमाने पर प्रकोप की आशंका नहीं है, लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी उच्च जोखिम वाले समूहों के लिए बूस्टर डोज को प्राथमिकता देने की सलाह दी है, ताकि गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने के मामलों को कम किया जा सके।