भुज, गुजरात: केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री तथा ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज गुजरात के भुज में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारत की बिजली उत्पादन क्षमता में हुई अभूतपूर्व वृद्धि पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पिछले दशक में बिजली उत्पादन क्षमता 249 गीगावाट से बढ़कर 472 गीगावाट हो गई है, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
खट्टर ने कहा, “एक समय था जब बिजली कटौती आम बात थी, लेकिन आज, despite the huge power consumption, गांवों में भी 22-24 घंटे बिजली उपलब्ध है।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यह प्रगति न केवल उत्पादन में वृद्धि का परिणाम है, बल्कि बुनियादी ढांचे के विकास और ग्रिड प्रबंधन में सुधार का भी है, जिससे भारत दुनिया का सबसे बड़ा एकल इकाई पावर ग्रिड बन गया है।
नवीकरणीय ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित
मंत्री ने नवीकरणीय ऊर्जा पर भारत के फोकस को रेखांकित किया, जिसमें 2030 तक 500 गीगावाट बिजली का उत्पादन नवीकरणीय स्रोतों से करने का लक्ष्य शामिल है। उन्होंने कहा, “हमारी बढ़ती क्षमता अब गैर-जीवाश्म, यानी नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग से और अधिक गति पाएगी।” यह पहल जलवायु परिवर्तन से लड़ने और वैश्विक जलवायु समझौतों के तहत भारत की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
दुनिया का सबसे बड़ा हाइब्रिड रिन्यूएबल एनर्जी पार्क
खट्टर ने गुजरात के कच्छ में स्थित, दुनिया के सबसे बड़े हाइब्रिड रिन्यूएबल एनर्जी पार्क की शुरुआत की भी घोषणा की, जिसकी क्षमता 42 गीगावाट होगी। यह पार्क 72,600 हेक्टेयर बंजर भूमि पर विकसित किया जा रहा है और इसे 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा, “यह परियोजना न केवल बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करेगी, बल्कि पर्याप्त निवेश भी आकर्षित करेगी, जबकि कार्बन उत्सर्जन में भी कमी लाएगी।”
आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ
यह भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा और साथ ही आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा। खट्टर ने जोर देकर कहा कि यह पहल भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के अपने लक्ष्य की ओर ले जाएगी।
मनोहर लाल खट्टर की घोषणाएं भारत की ऊर्जा क्षेत्र में प्रगति और नवीकरणीय ऊर्जा पर इसके फोकस को रेखांकित करती हैं। गुजरात हाइब्रिड रिन्यूएबल एनर्जी पार्क की शुरुआत एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है, जहां सतत विकास और आर्थिक वृद्धि एक साथ चलते हैं।