गुवाहाटी : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) में बड़े बदलाव की घोषणा की है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई को असम कांग्रेस का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि भूपेन कुमार बोराह को समन्वय समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। यह घोषणा सोमवार, 26 मई 2025 को शाम 6:13 बजे के आसपास एआईसीसी द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से की गई। यह कदम 2026 के असम विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
एआईसीसी के महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि यह नियुक्तियां तत्काल प्रभाव से लागू होंगी। गौरव गोगोई, जो असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के बेटे हैं, को पार्टी में नई जान फूंकने की जिम्मेदारी दी गई है। गौरव 2014 से 2024 तक कालियाबोर लोकसभा सीट से सांसद रहे हैं और 2020 से 2024 तक कांग्रेस संसदीय दल के उपनेता के रूप में कार्य कर चुके हैं। उनके नेतृत्व में पार्टी असम में अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश करेगी।
प्रेस विज्ञप्ति में असम पीसीसी के अन्य महत्वपूर्ण पदों पर भी नियुक्तियों की घोषणा की गई है, जो इस प्रकार हैं:
- कार्यकारी अध्यक्ष: गौरव गोगोई
- समन्वय समिति के अध्यक्ष: भूपेन कुमार बोराह
- चुनाव प्रबंधन समिति: रत्नाकर तिर्की
- सार्वजनिक समिति: प्रद्युत बरदलै
- अनुशासन समिति: राशिदुल हक
इसके अलावा, श्री तिनसुकिया को हाल ही में संपन्न हुए पीसीसी अध्यक्ष के चुनाव में उनके योगदान के लिए सराहा गया।
गौरव गोगोई की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है, जब वह हाल ही में एक विवाद में घिरे थे। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने गौरव की पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से संबंध होने का आरोप लगाया था। गौरव ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे राजनीतिक साजिश करार दिया और कहा कि यह भाजपा की ओर से 2026 के चुनावों से पहले ध्यान भटकाने की कोशिश है। यह विवाद भारत-पाकिस्तान के बीच पहलगाम हमले के बाद बढ़े तनाव की पृष्ठभूमि में सामने आया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि गौरव गोगोई के सामने असम में कांग्रेस को फिर से संगठित करने और भाजपा के खिलाफ मजबूत विपक्ष तैयार करने की बड़ी चुनौती होगी। भूपेन कुमार बोराह, जो 2021 से असम पीसीसी के अध्यक्ष थे, ने समन्वय समिति की नई भूमिका में पार्टी को एकजुट करने का भरोसा जताया है।
कांग्रेस पार्टी ने इस बदलाव के साथ असम में अपनी रणनीति को तेज करने का संकेत दिया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस असम में गठबंधन की संभावनाओं पर काम कर रही है और राज्यव्यापी यात्राओं के जरिए जनता तक पहुंचने की योजना बना रही है।