नई दिल्ली : देशभर में कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसने स्वास्थ्य विशेषज्ञों और आम जनता की चिंता बढ़ा दी है। बीते 24 घंटे में कोरोना से 7 मरीजों की मौत हो गई है, जबकि कुल एक्टिव केसों की संख्या बढ़कर 2710 हो गई है। यह आंकड़ा पिछले एक सप्ताह में पांच गुना तक बढ़ा है, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है।
आंकड़ों के मुताबिक, केरल में सबसे ज्यादा 1147 एक्टिव केस हैं, इसके बाद महाराष्ट्र में 424 और दिल्ली में 294 मामले दर्ज किए गए हैं। गुजरात में 223, कर्नाटक और तमिलनाडु में 148-148, और पश्चिम बंगाल में 116 केस सामने आए हैं। बीते 24 घंटे में हुई 7 मौतों में से 2 महाराष्ट्र में, जबकि दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, पंजाब और तमिलनाडु में एक-एक मरीज की जान गई है। दिल्ली में इस बार कोरोना से पहली मौत दर्ज की गई है, जहां मृतक पहले से कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित था।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ओमिक्रॉन के दो नए वेरिएंट्स, LF.7 और NB1.8, इस तेज उछाल के लिए जिम्मेदार हैं। हाल ही में तमिलनाडु और गुजरात में इन वेरिएंट्स का पता चला है। हालांकि, विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि इन वेरिएंट्स का असर आमतौर पर हल्का है, लेकिन यह इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकता है, जिससे अन्य बीमारियों के गंभीर होने का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञों ने हाई-रिस्क ग्रुप्स को सावधानी बरतने और बूस्टर डोज लेने की सलाह दी है।
26 मई को देश में कोरोना के 1010 मरीज थे, जो 30 मई तक बढ़कर 2710 हो गए। यानी चार दिनों में ही 1700 नए मरीज सामने आए हैं। बिहार में आंकड़े जुटाने में मुश्किल हो रही है, लेकिन पटना में बीते 24 घंटे में 7 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद यहां कुल 17 पॉजिटिव केस हो गए हैं। सिक्किम एकमात्र ऐसा राज्य है जहां अब तक कोई नया केस सामने नहीं आया है।
कोरोना के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रामीण और सीमांत क्षेत्रों में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने की जरूरत है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) में डॉक्टरों के 27% पद खाली हैं, और स्वास्थ्यकर्मियों की कमी भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। विशेषज्ञों का कहना है कि नए वेरिएंट से डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग और समय पर वैक्सीनेशन जैसे उपायों को अपनाना जरूरी है।