नई दिल्ली — भारत की सबसे महत्वाकांक्षी रेलवे परियोजनाओं में से एक, उद्धमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (USBRL) अब पूरी तरह से तैयार है। इस परियोजना के पूरा होने के साथ ही कश्मीर घाटी को देश के अन्य हिस्सों से सीधे रेल मार्ग से जोड़ा जा चुका है, जिससे अब वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी आधुनिक ट्रेनें कश्मीर तक दौड़ सकेंगी।
रेलवे बोर्ड के सूचना एवं प्रचार विभाग के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इस परियोजना को जल्द ही राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा। उन्होंने कहा, “अब पूरे भारत से कश्मीर तक रेल से यात्रा संभव है। वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत से यात्रियों को तीव्र, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा अनुभव मिलेगा।”
इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना
USBRL परियोजना में कई अभूतपूर्व इंजीनियरिंग उपलब्धियाँ शामिल हैं:
- चिनाब ब्रिज: 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, यह विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है।
- अंजीखड़ ब्रिज: देश का पहला केबल-स्टेड रेलवे ब्रिज, जो तकनीकी दृष्टि से एक चुनौतीपूर्ण उपलब्धि है।
- 36 सुरंगें और कई बड़े पुल: पिर पंजाल रेंज के पार इस मार्ग में कुल 272 किलोमीटर का रेल ट्रैक बिछाया गया है।
समग्र विकास की उम्मीद
रेल मंत्रालय के अनुसार, इस परियोजना से कश्मीर घाटी में आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों को नयी रफ्तार मिलेगी। माल ढुलाई और यात्री परिवहन दोनों की गति बढ़ेगी, जिससे व्यापार, पर्यटन और रोज़गार के अवसर भी बढ़ेंगे l
पर्यटन और राष्ट्रीय एकता को मिलेगा बल
रेलवे अधिकारियों का मानना है कि USBRL के माध्यम से अब घाटी तक सीधी ट्रेन यात्रा संभव होगी, जिससे पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इसके साथ ही यह परियोजना राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बनेगी, जो भौगोलिक दूरियों को कम करते हुए देश को सांस्कृतिक रूप से और भी मजबूत बनाएगी।
USBRL न केवल एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट, बल्कि भारत के आत्मनिर्भर और समावेशी विकास का प्रतीक है। अब, जब कश्मीर तक वंदे भारत एक्सप्रेस जैसे तेज़ ट्रेनों की आवाजाही शुरू होगी, तो यह यात्रा नहीं, एक उपलब्धि की दिशा में यात्रा होगी — जो भारत के भविष्य की ओर अग्रसर है।