राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पूर्व नेता और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने एक बार फिर से बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। उनके हालिया सोशल मीडिया पोस्ट और वीडियो ने राजनीतिक गलियारों में नई बहस को जन्म दिया है। वीडियो में तेज प्रताप एक ऑफिस जैसे सेटअप में प्रवेश करते हैं, जहां लालू और राबड़ी देवी की तस्वीरें साफ नजर आ रही हैं। इस शांत लेकिन गंभीर वीडियो के साथ उन्होंने एक इंग्लिश कोट लिखा है –
“All our dreams can come true; if we have the courage to pursue them”
(हमारे सारे सपने सच हो सकते हैं, अगर हममें उन्हें पूरा करने का साहस हो।)
इस पोस्ट ने जहां एक ओर राजनीतिक हलकों को चौंका दिया है, वहीं दूसरी ओर यह सवाल भी खड़ा कर दिया है – क्या तेज प्रताप अपनी नई पार्टी की नींव रख चुके हैं?
वीडियो में तेज प्रताप यादव जिस गंभीरता से ऑफिस में दाखिल होते हैं और लालू-राबड़ी की तस्वीरों को प्रमुखता से दिखाते हैं, उससे राजनीतिक पर्यवेक्षक यह अनुमान लगा रहे हैं कि यह किसी बड़ी तैयारी का हिस्सा हो सकता है।
हालांकि अभी तक तेज प्रताप ने इस पर कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन उनके स्टाइल और सबटेक्स्ट से साफ है कि वे राजनीतिक रूप से निष्क्रिय रहने वाले नहीं हैं।
तेज प्रताप यादव को 12 साल पुराने रिलेशनशिप के सार्वजनिक खुलासे के बाद लालू यादव ने पार्टी और परिवार से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था। इसके बाद तेज प्रताप ने अपने माता-पिता के आदेश को सर्वोपरि बताते हुए चुप्पी साध ली थी।
लेकिन उनका नया वीडियो, और उससे पहले तेजस्वी यादव को लेकर किए गए ट्वीट, यह दर्शाते हैं कि वे पूरी तरह से बैकफुट पर नहीं हैं – बल्कि एक नए सियासी एजेंडे की भूमिका रच रहे हैं।
तेज प्रताप का यह कदम भावनात्मक लग सकता है, लेकिन इसके पीछे राजनीतिक रणनीति की पूरी संभावना है। यह वीडियो सिर्फ व्यक्तिगत पीड़ा की अभिव्यक्ति नहीं है, बल्कि यह राजनीतिक आत्मनिर्भरता की दिशा में पहला सार्वजनिक संकेत हो सकता है।
तेजस्वी यादव को ‘अर्जुन’ और खुद को ‘कृष्ण’ बताने वाले तेज प्रताप पहले ही कह चुके हैं कि वे साजिशों को बेनकाब करेंगे। इससे यह स्पष्ट है कि वे आने वाले समय में किसी नए राजनीतिक मंच या विचारधारा के साथ सामने आ सकते हैं।