बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की आहट के बीच राहुल गांधी ने एक बार फिर अपनी जनसंपर्क और दलित सम्मान नीति को गहराई से दिखाया। राहुल गांधी ‘पहाड़ तोड़ने वाले’ दशरथ मांझी के बेटे भागीरथ मांझी के घर पहुंचे, उनके साथ झोपड़ी में बैठे, हालचाल जाना और परिवार को अपनी गाड़ी में बैठाकर आगे के कार्यक्रम में साथ ले गए।
झोपड़ी में बैठकर पूछा हालचाल, परिवार को साथ लेकर निकले
राहुल गांधी ने दशरथ मांझी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया और फिर उनके बेटे भागीरथ मांझी के घर पहुंचे। खास बात यह रही कि वे किसी होटल या सभा में नहीं, बल्कि झोपड़ी में ही बैठकर पूरे परिवार से संवाद करते नजर आए। बाहर आने के बाद उन्होंने भागीरथ मांझी का हाथ थामा और गाड़ी तक साथ लेकर गए।
इस मुलाकात के बाद यह अटकलें तेज हो गई हैं कि भागीरथ मांझी आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर उम्मीदवार बन सकते हैं। यह कदम कांग्रेस के लिए दलित वोट बैंक को फिर से मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
राहुल गांधी का यह अंदाज़ अब “दूर खड़े नेता” से “जमीनी नेता” की छवि की ओर बढ़ रहा है। सोशल मीडिया पर उनके झोपड़ी में बैठने, हाथ पकड़कर चलने और पूरे परिवार को गाड़ी में बिठाने की तस्वीरें वायरल हैं। कांग्रेस समर्थक इसे “नए युग का राहुल गांधी” कह रहे हैं।