नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने राजधानी के उत्तर-पश्चिम जिले में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 66 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। ये सभी अवैध तरीके से दिल्ली में रह रहे थे और उनके पास कोई वैध दस्तावेज नहीं पाए गए। पुलिस के अनुसार, ये लोग परिवार समेत विभिन्न क्षेत्रों में छिपकर रह रहे थे, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
पुलिस के अनुसार इन सभी को डिपोर्टेशन सेंटर भेजा जाएगा। पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई दिल्ली में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ लगातार जारी अभियान का हिस्सा है।
पुलिस की कार्रवाई और चुनौतियां
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इन लोगों ने भारत में अवैध तरीके से प्रवेश किया था और वे अपनी पहचान छिपाकर रह रहे थे। इस तरह के मामले देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। पुलिस ने यह भी कहा कि ऐसे लोगों को पकड़ना चुनौतीपूर्ण होता है क्योंकि वे अक्सर झुग्गी-झोपड़ियों में रहते हैं और अपनी पहचान छिपाने के लिए नकली दस्तावेज बनवाने की कोशिश करते हैं।
पिछले मामलों का संदर्भ
यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब दिल्ली पुलिस ने हाल के महीनों में कई बार अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई की है। मार्च 2025 में, दक्षिण दिल्ली में एक अवैध आप्रवासन नेटवर्क का भंडाफोड़ किया गया था, जिसमें आठ बांग्लादेशी नागरिकों और उनके भारतीय सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया था। उस समय छह अन्य को डिपोर्ट कर दिया गया था, जबकि चार अन्य की जांच जारी थी।
कानूनी और सुरक्षा पहलू
अवैध अप्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई 2003 में संशोधित नागरिकता अधिनियम के तहत की जाती है, जो ऐसे लोगों को भारत में गैरकानूनी प्रवेश करने वालों के रूप में परिभाषित करता है और उनकी डिपोर्टेशन की मांग करता है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी 2008 में एक मामले में कहा था कि अवैध बांग्लादेशी आप्रवासी भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा हैं।
यह कार्रवाई दिल्ली में अवैध अप्रवासियों के खिलाफ जारी अभियान का हिस्सा है, जहां पुलिस लगातार ऐसे मामलों पर नजर रख रही है। इस तरह की कार्रवाइयां देश की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती हैं।