उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के रुझानों और नतीजों ने साफ कर दिया है कि प्रदेश में पहली बार कोई मुख्यमंत्री लगातार दूसरी बार शपथ लेगा। वहीं, 37 साल बाद प्रदेश की सत्ता में किसी दल की दोबारा सत्ता में वापसी होगी। इस प्रकार साबित हो गया कि एंटी इनकंबैंसी को भी किसी भी राज्य की जनता के मानस पटल से हटाने में कामयाबी मिल सकती है। यूपी चुनाव (UP Election) ने उन तमाम मिथकों को तोड़ने में कामयाबी हासिल कर ली है।
उत्तर प्रदेश में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 42.42 करोड़ रुपये की लागत से नया भवन होगा स्थापित
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण...