बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राज्य की राजनीति में सियासी गर्मी तेज़ हो गई है। इस बार चर्चा के केंद्र में हैं केंद्रीय मंत्री और LJP (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान, जिन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं। चिराग ने स्पष्ट किया कि अभी इस पर चर्चा चल रही है और अंतिम फैसला संसदीय बोर्ड द्वारा ही लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर वे चुनाव लड़ते हैं, तो उसका उद्देश्य पार्टी के स्ट्राइक रेट को बेहतर करना और गठबंधन को मज़बूती देना होगा।
चिराग पासवान ने यह भी स्पष्ट किया कि गठबंधन में भ्रम फैलाने की कोशिशें सफल नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि गठबंधन एकजुट है और जल्द ही सीट बंटवारे की प्रक्रिया भी सार्वजनिक होगी। माना जा रहा है कि चिराग जिस विधानसभा सीट से उतर सकते हैं, वह शाहाबाद क्षेत्र में हो सकती है, जहां एलजेपी एक बड़ी जनसभा कर रही है।
राहुल गांधी पर हमला – “फिक्स चुनाव” का आरोप वापस
राहुल गांधी द्वारा बिहार चुनाव को फिक्स बताने वाले बयान पर चिराग ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जब-जब कांग्रेस चुनाव हारती है, तब-तब वो बहाने ढूंढती है — कभी EVM, कभी फर्जी वोटर्स। अब बिहार में हार से पहले ही राहुल गांधी बहाना तैयार कर रहे हैं। उन्होंने इसे जनता के जनादेश का अपमान बताते हुए कहा कि विपक्ष को आत्ममंथन की जरूरत है, न कि हार के बहाने गढ़ने की।
चिराग पासवान ने यह भी कहा कि उनकी सरकार आने पर आरक्षण की सीमा 50% से अधिक की जाएगी। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पूछा कि जब लंबे समय तक केंद्र में उनकी सरकारें रहीं, तब उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया? बिहार में हाल ही में घटी अपराधिक घटनाओं पर भी चिराग ने चिंता जताई। उन्होंने कहा कि बढ़ती अपराधिक घटनाएं चिंता का विषय हैं। सरकार और प्रशासन को मिलकर इस पर सख्ती से काम करना चाहिए। हालांकि उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि LJP (रामविलास) बिहार सरकार का हिस्सा नहीं है, लेकिन समर्थन जरूर है।
क्या चिराग पासवान विधानसभा चुनाव लड़ेंगे?
चिराग पासवान ने इस सवाल पर कहा कि अगर मैं लड़ूंगा, तो गठबंधन और पार्टी की मज़बूती के लिए लड़ूंगा। यह निर्णय पार्टी की संसदीय बोर्ड द्वारा लिया जाएगा। उन्होंने ये भी जोड़ा कि राष्ट्रीय नेताओं का विधानसभा चुनाव लड़ना कोई नई बात नहीं है, यह पहले भी देखा गया है कि मंत्रियों ने जनसंपर्क और संगठन मज़बूती के लिए यह कदम उठाया है।