मधुराई, तमिलनाडु : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज मधुराई के प्रसिद्ध मीणाक्षी अम्मन मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस ऐतिहासिक हिंदू मंदिर में उनकी मौजूदगी ने धार्मिक और राजनीतिक गतिविधियों के संगम को दर्शाया, जो हाल के वर्षों में भारतीय राजनीति में एक उभरती प्रवृत्ति बन गई है।
शाह ने ट्वीट कर कहा, “मधुराई के प्रतिष्ठित मीणाक्षी अम्मन मंदिर में आज पूजा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मां से प्रार्थना की कि हमारे राष्ट्र की निरंतर प्रगति और नागरिकों के कल्याण के लिए आशीर्वाद दें।” उनकी इस यात्रा के दौरान मंदिर के पुजारियों के साथ परंपरागत रीति-रिवाजों का पालन करते हुए फल और फूलों की थाली भी देखी गई।
मीणाक्षी अम्मन मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
वैगई नदी के दक्षिणी तट पर स्थित यह मंदिर, जो यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त है, अपनी जटिल द्रविड़ शैली की वास्तुकला और शैव, शाक्त और वैष्णव संप्रदायों के मेल के लिए प्रसिद्ध है। 14वीं शताब्दी में कई विनाशों के बाद इसे पुनर्निर्मित किया गया था। मंदिर परिसर में भव्य मूर्तियां और दीवारों पर चित्रित पौराणिक कथाएं, जैसे शिव-लीलाएं, पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करती हैं।
आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव
मंदिर मधुराई की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जहां रोजाना लगभग 10,000 श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। ऐतिहासिक रूप से, राजा तिरुमलाई नायकर के शासनकाल में इसके पुनर्निर्माण ने स्थानीय व्यापार को बढ़ावा दिया था, और आज भी यह तीर्थयात्रा से जुड़े व्यवसायों को समर्थन देता है।
अमित शाह, जो 2014 से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के मजबूत नेतृत्व के लिए जाने जाते हैं और 2019 के आम चुनाव में पार्टी को 303 सीटों की ऐतिहासिक जीत दिलाई, ने इस पूजा के माध्यम से जनता से जुड़ने की कोशिश की है। 2022 के एक अध्ययन के अनुसार, जर्नल ऑफ पॉलिटिकल स्टडीज में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि सार्वजनिक धार्मिक गतिविधियां भारतीय चुनावों में मतदाताओं के मनोभावों को प्रभावित करती हैं।
शाह की यह यात्रा न केवल धार्मिक उत्साह को दर्शाती है, बल्कि तमिलनाडु जैसे राज्यों में बीजेपी के विस्तार की रणनीति का भी हिस्सा हो सकती है, जहां पार्टी पारंपरिक रूप से कमजोर रही है। मंदिर परिसर में उनकी मौजूदगी और स्थानीय नेताओं के साथ बातचीत ने इस संभावना को और बल दिया है।