नई दिल्ली : दिल्ली के नांगलोई इलाके में सोमवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया, जहां एक दो मंजिला इमारत अचानक भरभरा कर ढह गई। इस हादसे में 8 साल के एक मासूम बच्चे की मौत हो गई, जबकि दो अन्य लोग घायल हो गए। यह घटना सुबह में कमरुद्दीन नगर के दीपांशु पब्लिक स्कूल के पास हुई।दिल्ली फायर सर्विसेज (DFS) को तुरंत सूचना मिलने के बाद बचाव दल मौके पर पहुंचा और मलबे से लोगों को निकालने का अभियान शुरू किया।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “इमारत के ढहने का कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन प्रारंभिक जांच शुरू कर दी गई है।” घायलों को तत्काल संजय गांधी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
क्या हो सकता है कारण?
हालांकि इमारत ढहने के पीछे की सटीक वजह का पता लगाने के लिए जांच चल रही है, विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली में पुरानी और असुरक्षित इमारतों की समस्या गंभीर होती जा रही है। एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, शहर के 87% भवनों की सुरक्षा ऑडिट नहीं हुई है, जो इस तरह के हादसों को बढ़ावा दे सकता है। इसके अलावा, दिल्ली जोन IV में आने के कारण भूकंप के जोखिम से भी इमारतों की संरचनात्मक कमजोरी उजागर होती है।
पिछले हादसों का सिलसिला
यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली में इस तरह का हादसा हुआ हो। अप्रैल 2025 में एक अन्य इमारत ढहने से 11 लोगों की मौत हो गई थी, जिसने निर्माण गुणवत्ता और शहरी नियोजन पर सवाल उठाए थे। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (NIDM) की 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दशक में भारत में 1,200 से अधिक इमारतें ढह चुकी हैं, जिनमें खराब निर्माण सामग्री और लापरवाही मुख्य कारण रहे।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और इमारत के मालिक से पूछताछ की जा रही है। दिल्ली नगर निगम (MCD) ने भी घटनास्थल का दौरा करने और सुरक्षा मानकों की जांच के आदेश दिए हैं। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि पुरानी इमारतों की तत्काल ऑडिट की जाए ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।
दिल्ली पुलिस और फायर सर्विसेज अभी भी मौके पर मौजूद हैं और मलबे हटाने का काम जारी है। इस घटना से एक बार फिर इमारत सुरक्षा और शहरी विकास पर गंभीर चर्चा शुरू हो गई है।