लोकसभा चुनाव 2024 जैसे-जैसे करीब आ रहा है, एनडीए (NDA) के अंदर सीट बंटवारे को लेकर खींचतान तेज होती जा रही है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने अपने हालिया बयान में एनडीए सहयोगियों को स्पष्ट संकेत दे दिया है कि अगर सीट बंटवारे में ‘अनुचित दबाव’ डाला गया, तो वह चुप नहीं बैठेंगे।
चिराग पासवान को इशारा: ज्यादा सीटें लेने की कोशिश करेंगे तो बोलना पड़ेगा
बिना चिराग पासवान का नाम लिए मांझी ने कहा कि अगर कोई राजनीतिक गणित के जरिए ज्यादा सीट हथियाने की कोशिश करेगा तो हम भी बोलेंगे। यह बयान सीधा-सीधा लोजपा (रामविलास) के बढ़ते दावों और चिराग पासवान की रणनीति पर तंज माना जा रहा है। चिराग, पीएम मोदी के करीबी माने जाते हैं और हाल के महीनों में उन्होंने कई बार खुद को NDA का मुख्य चेहरा बनाने की कोशिश की है।
HAM का प्रदर्शन और दावा
मांझी ने सीटों के बंटवारे की पृष्ठभूमि बताते हुए कहा कि हमें 2 लोकसभा और 1 राज्यसभा सीट का वादा था, पर हमें सिर्फ एक दी गई और हमने उस पर जीत दर्ज की। 2020 के विधानसभा चुनाव में 7 में से 4 सीटें जीतकर उन्होंने अपने संगठन की प्रासंगिकता भी दिखाई थी। उनके इस बयान का साफ मतलब है कि वह खुद को ‘छोटा दल’ मानने को तैयार नहीं।
मांझी ने कहा कि सार्वजनिक रूप से कुछ भी न कहा जाए, सीटों की चर्चा एनडीए मंच पर होनी चाहिए। लेकिन बयान की टाइमिंग और टोन से यह स्पष्ट है कि NDA के भीतर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। यह NDA के अंदर “soft rebellion” जैसा माना जा सकता है।
डबल इंजन सरकार की सराहना, लेकिन तंज भी
जब मांझी से पूछा गया कि वह पीएम मोदी के साथ हैं या नीतीश कुमार के, तो उन्होंने कूटनीतिक जवाब देते हुए कहा कि हम दोनों के साथ हैं क्योंकि बिहार और केंद्र दोनों की सरकारें विकास के लिए काम कर रही हैं। राज्य की कानून व्यवस्था पर उन्होंने लालू यादव के कार्यकाल की आलोचना की। बोले कि आज के शासन में अपराधियों को सजा मिलती है, पहले अपराधी और पीड़ित के बीच समझौते होते थे।