प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बिहार के कथित “ठेका माफिया” रिशु श्री और उनके सहयोगियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 9 अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की है। यह छापेमारी पटना, मुजफ्फरपुर, सूरत और पानीपत में की गई, जहां से सरकारी ठेकों में कमीशनखोरी, भ्रष्ट अधिकारियों को विदेश यात्राएं कराने और काले धन को सफेद करने के सबूत मिले हैं।
क्या है पूरा मामला?
रिशु श्री पर आरोप है कि वह बिहार सरकार के विभिन्न विभागों में ठेकों के बदले अधिकारियों को कमीशन देता था। ED के अनुसार, वह भ्रष्ट अधिकारियों को देश-विदेश की लक्जरी यात्राएं कराता था, जिसके लिए सूरत और पानीपत के ट्रैवल एजेंट्स का इस्तेमाल किया जाता था। छापेमारी में यात्रा वाउचर, टिकट बुकिंग रिकॉर्ड और भुगतान के दस्तावेज बरामद हुए हैं, जिनसे अधिकारियों और रिशु श्री के बीच गहरे संबंध का पता चलता है।
किन-किन जगहों पर हुई छापेमारी?
- पटना (दानापुर): रिशु श्री से जुड़े एक अवर सचिव स्तर के अधिकारी विनोद कुमार के घर पर छापा। उन पर ट्रांसफर-पोस्टिंग में रिश्वत लेने का आरोप है।
- मुजफ्फरपुर: रिशु श्री के चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) अविनाश कुमार के आवास पर ED की कार्रवाई।
- सूरत और पानीपत: यहां के ट्रैवल एजेंट्स के दफ्तरों से यात्रा संबंधी गोपनीय दस्तावेज जब्त किए गए।
कंपनी के जरिए काले धन को सफेद करने का खेल
ED को रिशु श्री की एक अन्य कंपनी “श्री नेस बिल्ड इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड” का भी पता चला है। इस कंपनी में बिहार सरकार के कई अधिकारियों की पत्नियां और परिवार के सदस्य शामिल हैं। आरोप है कि इस कंपनी के जरिए भ्रष्ट अधिकारियों का काला धन सफेद किया जाता था।
आईएएस संजीव हंस का कनेक्शन
इस मामले में बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी संजीव हंस भी आरोपी हैं। बिहार सरकार की स्पेशल विजिलेंस यूनिट (SVU) ने पहले ही उनके खिलाफ केस दर्ज किया है। रिशु श्री का संजीव हंस और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से गहरा नाता था, जिसके बल पर वह सरकारी टेंडरों को मनमाने ढंग से मैनेज करता था।
ED की पिछली कार्रवाई और नए सबूत
यह पहली बार नहीं है जब ED ने रिशु श्री के खिलाफ कार्रवाई की है। पिछले छापों में भी काले धन, जाली दस्तावेज और भ्रष्ट अधिकारियों से संबंध के सबूत मिले थे। इस बार ट्रैवल एजेंसियों से मिले दस्तावेजों से मामला और गहरा गया है।