भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पूरे देश के कई हिस्सों में मानसून की तेज़ रफ्तार एंट्री को लेकर गंभीर मौसम चेतावनी जारी की है। जहां उत्तर भारत के कुछ हिस्से भीषण लू की चपेट में हैं, वहीं पूर्वी, मध्य और दक्षिणी भारत में भारी से अत्यधिक भारी बारिश का सिलसिला अगले कुछ दिनों तक जारी रहने वाला है।
बिहार-बंगाल में होगी झमाझम बारिश, लू से राहत की उम्मीद
बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड में मौसम का मिज़ाज पूरी तरह बदलने जा रहा है। IMD के मुताबिक, 13 जून से 16 जून के बीच इन राज्यों में गरज-चमक के साथ तेज़ बारिश की संभावना है। खासतौर पर गंगा के मैदानी क्षेत्रों और दक्षिणी बिहार में तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी।
पश्चिम बंगाल के उत्तर और पूर्वी जिलों तथा सिक्किम में 14 जून को भारी वर्षा की चेतावनी दी गई है। यह बारिश पूर्वोत्तर मानसून के दबाव से उत्पन्न हो रही है, जो बंगाल की खाड़ी से नमी लेकर आ रहा है।
MP, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में बादलों की दस्तक
मध्य भारत के राज्य जैसे मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी अगले 4–5 दिन भारी वर्षा और तेज़ हवाओं का पूर्वानुमान है। IMD ने विशेष तौर पर 13 से 18 जून के बीच ओडिशा और MP में अति भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है।
इस दौरान कई जिलों में 50–60 किमी/घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं और बिजली गिरने की आशंका भी जताई गई है। किसानों और ग्रामीण इलाकों के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
उत्तर भारत में गर्मी का कहर अभी जारी रहेगा
जहां पूर्व और दक्षिण भारत में राहत की फुहारें पड़ेंगी, वहीं राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली जैसे राज्यों में लू का प्रकोप जारी रहेगा। 13 और 14 जून को पश्चिम राजस्थान में हीटवेव की चरम स्थिति देखने को मिलेगी।
हालांकि, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश और आंधी-तूफान से आंशिक राहत मिल सकती है।
दक्षिण भारत में मानसून की ज़ोरदार एंट्री
केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और लक्षद्वीप में मानसून सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 14 और 15 जून को केरल और तमिलनाडु के तटीय इलाकों में अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है।
कोंकण, गोवा, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र में भी 13 से 18 जून तक बारिश और तेज़ हवाओं के साथ आंधी-तूफान के आसार हैं। इन क्षेत्रों में जलभराव और यातायात बाधित होने की संभावना है।
पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश का रेड अलर्ट
असम, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा और मिजोरम जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में भी अगले सात दिनों तक लगातार भारी बारिश का पूर्वानुमान है। 16–18 जून के बीच कुछ इलाकों में अति भारी वर्षा हो सकती है, जिससे भूस्खलन और बाढ़ जैसे खतरे उत्पन्न हो सकते हैं।