अहमदाबाद : अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे की जांच में आज एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आया है। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने पुष्टि की है कि लंदन जा रही एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 के ब्लैक बॉक्स, जिसे डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (DFDR) के नाम से जाना जाता है, को एक इमारत की छत से बरामद कर लिया गया है। यह जानकारी विमान हादसे के बाद फैली भ्रांतियों को भी दूर करती है, जिसमें कुछ रिपोर्ट्स में एक वीडियो रिकॉर्डर को ब्लैक बॉक्स बताने की गलतफहमी फैली थी।
AAIB ने बताया कि इस हादसे की जांच के लिए तुरंत कार्रवाई शुरू की गई, जिसमें गुजरात सरकार के 40 से अधिक कर्मचारी और नागर उड्डयन मंत्रालय (MoCA) की टीमें शामिल हैं। ब्लैक बॉक्स की बरामदगी से उड़ान के अंतिम पलों की जानकारी, जैसे गति, ऊंचाई और नियंत्रण प्रणाली के इनपुट्स, मिलने की उम्मीद है। यह डेटा हादसे के कारणों को समझने में महत्वपूर्ण होगा, जो भारत के इतिहास में सबसे भीषण हवाई दुर्घटनाओं में से एक माना जा रहा है।
प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि विमान के इंजनों को पर्याप्त ईंधन आपूर्ति न होने से गंभीर तनाव पैदा हुआ, जिसके परिणामस्वरूप इंजन फेल हो गए। यह जानकारी अंतरराष्ट्रीय नागर उड्डयन संगठन (ICAO) की 2018 की रिपोर्ट से मेल खाती है, जिसमें बताया गया कि अपर्याप्त ईंधन प्रबंधन वैश्विक स्तर पर विमान दुर्घटनाओं के 15% मामलों का कारण बनता है। हालांकि, AAIB ने साफ किया है कि जांच अभी जारी है और अंतिम निष्कर्ष के लिए ब्लैक बॉक्स के विश्लेषण का इंतजार है।
12 जून 2025 की दोपहर को अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद एयर इंडिया की बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (फ्लाइट AI-171) दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस विमान में 230 यात्री और 12 क्रू सदस्य सवार थे, जो लंदन जा रहे थे। दुर्घटना में विमान मेगानी क्षेत्र में एक आवासीय इलाके में जा गिरा, जिससे भारी आग लग गई। इस हादसे में कई लोगों के हताहत होने की आशंका है, और राहत व बचाव कार्य अभी भी जारी हैं।
AAIB और अन्य विशेषज्ञों की टीम इस घटना की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की प्रतिबद्धता जता रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि ब्लैक बॉक्स का डेटा न केवल इस हादसे के कारणों को उजागर करेगा, बल्कि भारतीय विमानन उद्योग में सुरक्षा मानकों को बेहतर करने में भी मददगार साबित होगा। लोग इस बात की उम्मीद कर रहे हैं कि जांच के बाद सही कारण सामने आएंगे और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।