दक्षिण अफ्रीका ने क्रिकेट इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ते हुए ऑस्ट्रेलिया को हराकर पहली बार विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) का खिताब जीत लिया। एडेन मार्करम की 136 रनों की शानदार शतकीय पारी और कप्तान तेम्बा बावुमा के साथ उनकी निर्णायक साझेदारी ने प्रोटियाज टीम को 27 साल बाद कोई आईसीसी खिताब दिला दिया। गत विजेता ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 282 रनों का लक्ष्य दिया था, लेकिन दक्षिण अफ्रीकी टीम ने पांच विकेट के नुकसान पर 285 रन बनाकर रोमांचक जीत दर्ज की। यह टेस्ट क्रिकेट में दक्षिण अफ्रीका का तीसरा सबसे बड़ा सफल रन चेज रहा और लॉर्ड्स के मैदान पर भी यह संयुक्त रूप से दूसरा सबसे बड़ा रन चेज है।
ऐतिहासिक जीत की पटकथा
ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 212 रन बनाए थे। इसके जवाब में दक्षिण अफ्रीका महज 138 रन पर ढेर हो गया। ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी के आधार पर 74 रन की बढ़त मिली और उसने दूसरी पारी में 207 रन बनाए, जिससे कुल बढ़त 281 रन की हो गई।
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लक्ष्य का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत अच्छी नहीं रही। रेयान रिकेल्टन (6) और वियान मुल्डर (27) जल्दी आउट हो गए। लेकिन इसके बाद मार्करम और बावुमा ने तीसरे विकेट के लिए 147 रनों की जबरदस्त साझेदारी कर टीम को जीत की पटरी पर ला खड़ा किया।
चौथे दिन दक्षिण अफ्रीका ने दो विकेट पर 213 रन से आगे खेलना शुरू किया। हालांकि कप्तान बावुमा (66) और ट्रिस्टन स्टब्स (8) जल्दी आउट हो गए, लेकिन मार्करम टिके रहे। उन्होंने 207 गेंदों पर 14 चौकों की मदद से 136 रन बनाए। मैच खत्म होने से कुछ कदम पहले वह जोश हेजलवुड का शिकार बने, लेकिन डेविड बेडिंघम (21*) और काइल वेरेने (4*) ने लक्ष्य हासिल कर टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाई।
27 साल बाद ICC ट्रॉफी, WTC में तीसरी नई विजेता
दक्षिण अफ्रीका की यह जीत कई मायनों में ऐतिहासिक रही। टीम ने 1998 में नॉकआउट ट्रॉफी (अब चैंपियंस ट्रॉफी) के बाद पहली बार कोई ICC खिताब अपने नाम किया है। साथ ही, वह न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बाद वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप जीतने वाली तीसरी टीम बन गई है। एडेन मार्करम को उनकी शानदार पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। ऑस्ट्रेलिया की ओर से मिचेल स्टार्क ने दूसरी पारी में तीन विकेट लिए, जबकि हेजलवुड और कमिंस को एक-एक सफलता मिली।