निकोसिया : भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने देश के सर्वोच्च सम्मान, “ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III” से सम्मानित किया। यह सम्मान साइप्रस के प्रथम राष्ट्रपति, आर्कबिशप मकारियोस III के नाम पर स्थापित है और 1991 में शुरू किया गया था। यह पुरस्कार द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और वैश्विक शांति एवं सुरक्षा के लिए मोदी की प्रतिबद्धता को मान्यता देता है।
मोदी ने इस सम्मान को स्वीकार करते हुए कहा, “यह सम्मान केवल मेरा नरेंद्र मोदी का सम्मान नहीं है, बल्कि 140 करोड़ भारतवासियों का सम्मान है। यह हमारे देश के सांस्कृतिक, भाईचारे और ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के विचारधारा का सम्मान है। मैं यह सम्मान भारत और साइप्रस के मैत्रीपूर्ण संबंधों, हमारे साझा मूल्यों और हमारी पारस्परिक समझ को समर्पित करता हूं।”
यह सम्मान समारोह 23 वर्षों में साइप्रस की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री के रूप में मोदी की ऐतिहासिक यात्रा के दौरान हुआ। राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलिडेस ने मोदी को यह सम्मान प्रदान करते हुए कहा कि यह पुरस्कार भारत और साइप्रस के बीच संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मोदी की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार, सुरक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। यह यात्रा ऐसे समय में हुई है जब भारत और यूरोपीय संघ के बीच रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने की चर्चा चल रही है, खासकर भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) और क्षेत्रीय संघर्षों के संदर्भ में।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, “यह सम्मान शांति, सुरक्षा, संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और हमारे लोगों की समृद्धि के लिए हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है। मैं इस सम्मान को भारत और साइप्रस के संबंधों के प्रति एक जिम्मेदारी के रूप में लेता हूं और विश्वास करता हूं कि हमारी सक्रिय साझेदारी भविष्य में नई ऊंचाइयों को छूएगी।”
इस यात्रा से भारत और साइप्रस के बीच के संबंधों को नई दिशा मिली है, और यह दोनों देशों के बीच सहयोग के नए अवसर खोलने की उम्मीद है।