नई दिल्ली : ईरान और इजरायल के बीच जारी तनाव के बीच एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है, जहां ईरान ने इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए जासूसी करने के आरोप में एक व्यक्ति को फांसी दे दी है। इस घटना को ईरान-इजरायल संघर्ष में एक और मोड़ के रूप में देखा जा रहा है, जहां दोनों देशों के बीच सैन्य और खुफिया गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं。
ईरानी मीडिया के अनुसार, मोसाद के लिए दो साल तक जासूसी करने और एक इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कर्नल की हत्या में शामिल होने के आरोप में मोहसेन लंगरनेशिन को फांसी दी गई। हालांकि, मानवाधिकार संगठनों का दावा है कि लंगरनेशिन का इकबालिया बयान जबरन लिया गया था, जिससे ईरान की न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं।
इस घटना से पहले, इजरायल पर ईरान के मिसाइल हमलों के जवाब में सैन्य कार्रवाई की गई थी, जिसमें कई वरिष्ठ IRGC कमांडरों की मौत हुई थी। इन हमलों को ईरान ने आत्मरक्षा के रूप में justify किया है, जबकि इजरायल ने इन कार्रवाइयों को पूर्वनियोजित और आवश्यक बताया है।
ईरान के इस कदम से क्षेत्र में अस्थिरता और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना दोनों देशों के बीच चल रहे खुफिया युद्ध का हिस्सा है, जहां मोसाद और ईरानी खुफिया एजेंसियां लगातार एक-दूसरे के खिलाफ ऑपरेशंस चला रही हैं।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस घटना पर चिंता जताई है और दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। हाल के दिनों में, अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने भी इस संघर्ष में मध्यस्थता की कोशिशें की हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है।
यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब ईरान और इजरायल के बीच संबंध पहले से कहीं अधिक तनावपूर्ण हैं, और दोनों देशों की सैन्य गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस तनाव को नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर गंभीर परिणाम पैदा कर सकता है।