बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की राजनीति में एक नया विवाद गर्मा गया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के कथित ‘अपमान’ को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। भाजपा और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) समेत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के नेता इस मुद्दे पर लगातार हमलावर हैं, वहीं महागठबंधन में शामिल कांग्रेस और वाम दल चुप्पी साधे हुए हैं।
यह विवाद लालू यादव के 78वें जन्मदिन समारोह से जुड़ा एक वीडियो सामने आने के बाद शुरू हुआ। 14 जून को वायरल हुए वीडियो में लालू यादव कुर्सी पर बैठे नजर आ रहे हैं और उनके पैर सामने रखी एक दूसरी कुर्सी पर टिके हुए हैं। इसी दौरान एक समर्थक अंबेडकर की तस्वीर लेकर फोटो खिंचवाने आता है। तस्वीर की पोजिशनिंग ऐसी प्रतीत हो रही है मानो वह लालू के पैरों के ठीक पास रखी हो। इस दृश्य पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने राजद प्रमुख को नोटिस जारी किया है और 15 दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। आयोग ने यह भी पूछा है कि उनके खिलाफ SC-ST एक्ट के तहत मुकदमा क्यों न दर्ज किया जाए।
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इस पूरे मामले पर अब राजनीति और गरमा गई है। हालांकि, इस सियासी विवाद के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले जेडीयू विधायक गोपाल मंडल ने लालू यादव का बचाव किया है। उन्होंने कहा, “लालू यादव कभी भी बाबा साहब का अपमान नहीं कर सकते। उन्होंने दलितों और पिछड़ों को आवाज दी है। जब उनकी सरकार बनी, तब उन्होंने सामाजिक न्याय को नई दिशा दी।
जेडीयू विधायक गोपाल मंडल ने कहा कि उनकी तबीयत ठीक नहीं रहती, वे अकसर पैर चढ़ाकर बैठते हैं। यह कोई जानबूझकर किया गया कृत्य नहीं था।” गोपाल मंडल ने यह भी जोड़ा कि लालू यादव ने हमेशा दलित बस्तियों में जाकर उनका हाल जाना और उनके जीवन स्तर को सुधारने की कोशिश की है। उनका कहना है कि वीडियो में जो दृश्य सामने आया है, उसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।