केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और भाजपा नेता नित्यानंद राय को पटना हाईकोर्ट से उस वक्त बड़ी राहत मिली, जब न्यायमूर्ति चंद्र शेखर झा की एकल पीठ ने 2018 के कथित भड़काऊ भाषण मामले में दायर चार्जशीट और संज्ञान आदेश को खारिज कर दिया। यह मामला नरपतगंज (अररिया) में मार्च 2018 की चुनावी सभा से जुड़ा है, जिसमें उन पर धार्मिक भावना भड़काने और चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगा था।
कोर्ट ने 15 पन्नों के फैसले में स्पष्ट किया कि IPC की धारा 153A (धार्मिक वैमनस्य फैलाना) और RP Act की धारा 125 (चुनाव में साम्प्रदायिकता) के तहत कोई प्रथम दृष्टया अपराध नहीं बनता। जस्टिस चंद्र शेखर झा ने कहा कि केवल राजनीतिक भाषण को संप्रदायिक करार देना और उसे आपराधिक मुकदमा बना देना लोकतंत्र के लिए खतरा है।
नित्यानंद राय पर आरोप था कि उन्होंने 9 मार्च 2018 को एक चुनावी सभा में कहा कि यदि विपक्ष का उम्मीदवार जीतता है, तो अररिया आईएसआईएस का अड्डा बन जाएगा। यह बयान नरपतगंज CO की शिकायत पर दर्ज हुआ था, ना कि चुनाव में भाग ले रहे किसी उम्मीदवार की ओर से। राय के वकील ने कोर्ट में कहा कि बयान आतंकवाद के संदर्भ में था, ना कि किसी विशेष धर्म या समुदाय के खिलाफ।