प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार के सीवान में जनसभा को संबोधित करने वाले हैं, लेकिन उससे पहले राज्य में सियासी तापमान चरम पर पहुंच गया है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी के आगमन से पहले उन पर 12 तीखे सवालों की बौछार कर दी है। उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा है कि क्या वे बिहार के जमीनी मुद्दों पर भी बात करेंगे या फिर “जुमलों की बारिश” ही करेंगे।
तेजस्वी यादव का तीखा तंज: “आपके भाषण अब खुद भी नहीं सुन सकते”
तेजस्वी ने कटाक्ष किया कि पीएम मोदी को बिहार आने से पहले अपने पुराने भाषण सुनने चाहिए। उन्होंने कहा कि “शायद वे खुद से ही बात न कर पाएं” क्योंकि उन्हीं भाषणों में विकास के वादों की फेहरिस्त है, जिन पर अब तक कोई अमल नहीं हुआ।
तेजस्वी यादव के 12 सवाल
- क्या प्रधानमंत्री अपने पुराने वादों और भाषणों की हकीकत पर बात करेंगे?
- क्या फिर से वही शिलान्यास और उद्घाटन दोहराए जाएंगे जो 2015 से अब तक अनगिनत बार हो चुके हैं?
- 20 सालों के शासन के बाद भी बिहार गरीबी और बेरोजगारी में सबसे नीचे क्यों है?
- क्या पीएम यह बताएंगे कि लालू यादव के दौर में सारण और मढ़ौरा में किए गए विकास कार्य आज भी क्यों प्रासंगिक हैं?
- एनडीए राज में हुई 65,000 हत्याएं और 25,000 बलात्कार पर क्या पीएम माफी मांगेंगे?
- नीतीश कुमार की बिगड़ती मानसिक हालत पर क्या कोई टिप्पणी करेंगे जैसे ओडिशा के सीएम पर की थी?
- क्या ‘नेशनल दामाद आयोग’ के जमाईयों को मंच से सम्मानित करेंगे?
- राज्य की कानून व्यवस्था, सीएम आवास के बाहर फायरिंग जैसे मामलों पर क्या कहेंगे?
- एनडीए के शासनकाल में हुए 2 लाख करोड़ से ज्यादा के घोटालों को गिनाएंगे या भूल जाएंगे?
- महंगाई, पलायन, पेपर लीक, रिश्वत, डोमिसाइल नीति जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी या नहीं?
- सरकारी कर्मचारियों को भीड़ लाने के लिए मजबूर क्यों किया जा रहा है?
- ऑपरेशन सिंदूर को रोकने की मजबूरी क्या थी? ट्रंप जैसे विदेशी नेताओं की दखल पर सरकार चुप क्यों थी?
तेजस्वी यादव ने इन सवालों के जरिए सिर्फ एक नेता के खिलाफ बयानबाजी नहीं की, बल्कि उन्होंने पूरे एनडीए शासन मॉडल को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया।
PM का पांचवां दौरा, 20 दिन में दूसरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले पांचवां दौरा है। बीते 20 दिनों में यह दूसरा बड़ा दौरा है। इससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या बार-बार की यात्राएं सिर्फ चुनावी लाभ के लिए हो रही हैं, जैसा कि विपक्ष आरोप लगा रहा है?