अहमदाबाद : अहमदाबाद में 12 जून 2025 को हुए भयानक विमान हादसे को लेकर एक नया मोड़ आ गया है। इस दुर्घटना में एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के क्रैश होने से 270 लोगों की मौत हो गई थी। अब दो सीनियर फ्लाइट अटेंडेंट्स ने सनसनीखेज दावे के साथ कंपनी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इन अटेंडेंट्स ने दावा किया है कि उन्होंने एक साल पहले ही विमान में तकनीकी खराबी की जानकारी दी थी, लेकिन एयरलाइन ने उनकी चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया।
हादसे के एक सप्ताह बाद, इन पूर्व अटेंडेंट्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखकर इस घटना का खुलासा किया है। चिट्ठी में कहा गया है कि 14 मई 2024 को मुंबई-लंदन उड़ान (AI-129) के दौरान विमान के दरवाजे में गंभीर खराबी देखी गई थी। इस घटना में दरवाजा खोलते ही स्लाइड राफ्ट तैनात हो गई, जो एक गंभीर सुरक्षा चूक को दर्शाता है। पायलट और केबिन-इन-चार्ज ने भी इस गड़बड़ी को लिखित रूप में पुष्टि किया था।
अटेंडेंट्स का आरोप है कि उन्होंने उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दी, लेकिन कंपनी ने उनकी शिकायत को दबाने की कोशिश की। इतना ही नहीं, जब उन्होंने अपना बयान बदलने से इनकार कर दिया, तो एयरलाइन ने दोनों को नौकरी से निकाल दिया। चिट्ठी में यह भी दावा किया गया है कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और एयर इंडिया ने 14 मई 2024 की घटना समेत अन्य तकनीकी खामियों को भी अनदेखा किया और केवल एक अनौपचारिक जांच तक सीमित रखा, जिसकी कोई रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई।
विमान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (AAIB) इस हादसे की जांच में जुटा है। विशेषज्ञों का मानना है कि फ्लैप समस्या, इंजन फेल्योर या बर्ड स्ट्राइक इस दुर्घटना के संभावित कारण हो सकते हैं। गुजरात में पिछले पांच सालों में अहमदाबाद हवाई अड्डे पर 462 बर्ड स्ट्राइक की घटनाएं दर्ज की गई हैं, जो इस संभावना को और बल देती हैं। वहीं, रॉयटर्स के अनुसार, हादसे में केवल एक यात्री (सीट 11A पर) ही जीवित बचा, जो आपातकालीन निकास के पास था।
भारत में विमान दुर्घटनाओं का इतिहास देखें तो 1988 में इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट 113 हादसा याद आता है, जिसमें खराब दृश्यता और पायलट त्रुटि के कारण 133 लोगों की मौत हुई थी। यह घटना विमानन सुरक्षा प्रोटोकॉल में चूक की ओर इशारा करती है। अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) की 2023 की एक रिपोर्ट के अनुसार, तकनीकी शिकायतों को अनदेखा करने से दुर्घटना का जोखिम 15% तक बढ़ जाता है, जो इस मामले में एयर इंडिया पर सवालिया निशान लगाता है।
एयर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने दावा किया है कि दुर्घटनाग्रस्त विमान की आखिरी बड़ी जांच जून 2023 में हुई थी और अगली निर्धारित जांच दिसंबर 2025 के लिए थी। उन्होंने कहा कि विमान और इंजन में कोई पूर्व समस्या नहीं पाई गई थी। हालांकि, अटेंडेंट्स के आरोपों ने इस बयान पर सवाल उठाए हैं।
इस हादसे के बाद सरकार ने एक उच्च-स्तरीय समिति गठित की है, जिसमें अमेरिका और ब्रिटेन के विशेषज्ञ भी शामिल हैं। जांच के नतीजे का इंतजार है, लेकिन फ्लाइट अटेंडेंट्स का दावा विमानन सुरक्षा को लेकर गंभीर बहस को जन्म दे सकता है। क्या एयर इंडिया की लापरवाही के चलते यह दुखद हादसा हुआ? इसका जवाब जांच के बाद ही मिलेगा।