भुवनेश्वर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले ने एक एम्बुलेंस को रास्ता देते हुए एक मानवीय पहल का प्रदर्शन किया, जो उनकी रोड शो के दौरान हुआ। यह घटना ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार के पहले वर्षगांठ के समारोह के हिस्से के रूप में आयोजित तिरंगा यात्रा और रोड शो के दौरान घटी।
प्रधानमंत्री मोदी ने बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से जनता मैदान तक लगभग 9 किलोमीटर की दूरी तय की, जहां सरकार की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। रोड शो के दौरान, जब एक एम्बुलेंस आपात स्थिति में पहुंची, तो सुरक्षा और संगठनात्मक व्यवस्थाओं के बावजूद, काफिले ने तुरंत रास्ता छोड़ा, जिससे एम्बुलेंस को बिना किसी देरी के आगे बढ़ने की अनुमति मिली।
यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जहां इसे प्रधानमंत्री की संवेदनशीलता और आम लोगों की भलाई के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक माना गया। हालांकि, विपक्षी दल और कुछ आलोचक इस तरह की घटनाओं को जनता के सामने एक पूर्वनियोजित प्रचार के रूप में देखते हैं, जो राजनीतिक लाभ के लिए की गई होती हैं।
इससे पहले भी, प्रधानमंत्री मोदी के काफिले ने इसी तरह की स्थितियों में एम्बुलेंस को रास्ता दिया है, जैसे कि 2022 में गुजरात में और 2023 में वाराणसी में, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आपातकालीन सेवाओं को प्राथमिकता देना उनकी नीति का हिस्सा है।
ओडिशा में बीजेपी सरकार के पहले वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में, मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया था, और यह घटना सरकार की उपलब्धियों और जनता से सीधे संपर्क स्थापित करने के प्रयासों को रेखांकित करती है।
यह घटना न केवल एक मानवीय पहल का उदाहरण प्रस्तुत करती है, बल्कि राजनीतिक कार्यक्रमों के दौरान आपातकालीन सेवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को भी दर्शाती है।