लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक हाई प्रोफाइल विदेशी सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है, जिसने सभी को हैरान कर दिया। इस मामले में एक नामी प्लास्टिक सर्जन की संलिप्तता सामने आई है, जिसने उज्बेकिस्तान की दो महिलाओं के चेहरे को सर्जरी के जरिए बदल दिया ताकि वे बिना पासपोर्ट और वीजा के भारत में अवैध रूप से रह सकें और देह व्यापार के काले धंधे में इस्तेमाल की जा सकें।
आरोपी सर्जन और एजेंट फरार:
लखनऊ के डॉ. विवेक गुप्ता पर आरोप है कि उन्होंने उज्बेकिस्तान की महिलाओं , होलिडा और निलोफर की सर्जरी की। उनके साथ अर्जुन राणा नामक व्यक्ति शामिल था, जो खुद को मीडिया पर्सन बताता है और उज्बेकिस्तानी गैंग लीडर लोयोला का पति है। दोनों इस समय फरार हैं।
पुलिस कार्रवाई:
21 जून को विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) और लखनऊ पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में दोनों महिलाओं को ओमेक्स हजरतगंज के एक फ्लैट से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में यह खुलासा हुआ।
गंभीर साजिश:
सर्जरी के बाद इन महिलाओं की पहचान इतनी बदल गई कि वे विदेशी नहीं लग रही थीं। डॉ. गुप्ता के गोमतीनगर और सुल्तानपुर रोड पर क्लीनिक हैं, और पुलिस जांच कर रही है कि उन्होंने और कितने लोगों की पहचान छिपाने के लिए सर्जरी की।
अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन:
लोयोला के खिलाफ उज्बेकिस्तान में लुक आउट नोटिस जारी है। शक है कि यह रैकेट लखनऊ तक सीमित नहीं है और इसके बड़े अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क हो सकते हैं।
क्या कहती है पुलिस?
पुलिस और खुफिया एजेंसियां इस मामले की गहराई से जांच कर रही हैं। सुशांत गोल्फ सिटी थाने में डॉ. विवेक गुप्ता और अर्जुन राणा के खिलाफ विदेशी अधिनियम और अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। एफआरआरओ की टीम इस गैंग के अन्य ठिकानों और विदेशी कनेक्शनों की तलाश में जुटी है।
आगे की कार्रवाई:
खुफिया एजेंसियां इस रैकेट के पीछे के बड़े नेटवर्क को उजागर करने के लिए सक्रिय हैं। पुलिस ने जनता से अपील की है कि यदि किसी को संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी हो, तो तुरंत सूचित करें।
यह मामला न केवल कानूनी, बल्कि नैतिक और चिकित्सा जगत के लिए भी गंभीर सवाल खड़े करता है। क्या प्लास्टिक सर्जरी जैसी तकनीकें अपराधियों के हाथों में हथियार बन सकती हैं? यह जांच का विषय बना हुआ है l