नई दिल्ली : ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिका के हालिया हवाई हमले पर कड़ा जवाब दिया है, जिसमें ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों—एस्फाहान, फोर्डो और नतांज को निशाना बनाया गया। आज सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट में खामेनेई ने कहा, “यहूदी दुश्मन ने बेहद बड़ी गलती की है… यह एक बड़ा जुर्म है। उसे सजा मिल रही है और मिलती रहेगी।” उन्होंने चेतावनी दी कि सजा अभी जारी है और आगे भी जवाबी कार्रवाई की जाएगी।
पृष्ठभूमि और तनाव
यह बयान तब आया है जब पिछले 10 दिनों से इजरायल और ईरान के बीच युद्ध छिड़ा हुआ है। 13 जून 2025 से शुरू हुए इस संघर्ष में इजरायली हमलों में ईरान में 400 से अधिक लोग मारे गए और 3500 से ज्यादा घायल हुए हैं, जबकि इजरायल में 24 लोगों की मौत की सूचना है। ईरान ने भी मिसाइल और ड्रोन हमलों से जवाबी कार्रवाई की, जिससे क्षेत्रीय तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है।
रविवार को अमेरिका ने ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ के तहत बी-2 स्टील्थ बॉम्बर से ईरान के परमाणु स्थलों पर हमला किया। इस ऑपरेशन में 14 विशाल बंकर-बस्टर बमों का इस्तेमाल हुआ, जिसने फोर्डो परमाणु संयंत्र को गंभीर नुकसान पहुंचाया, हालांकि साइट की स्थिति अभी पुष्टि नहीं हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर इस कदम को सही ठहराते हुए ईरान में “शासन परिवर्तन” की संभावना जताई, जिससे विवाद बढ़ गया है।
घरेलू और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
खामेनेई के वरिष्ठ सलाहकार अली शमखानी ने भी चेतावनी दी कि “खेल अभी खत्म नहीं हुआ है।” उन्होंने कहा कि ईरान के पास परमाणु कार्यक्रम के लिए विशेषज्ञता, सामग्री और इरादा मौजूद है, और कोई भी आक्रमण जवाबी कार्रवाई का कारण बनेगा। दूसरी ओर, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने घोषणा की कि उनका देश ईरान और गाजा में अपने अभियान को जारी रखेगा।
अमेरिका में कुछ MAGA समर्थकों और रिपब्लिकन सांसद थॉमस मैसी ने इस हमले की आलोचना की है, जिसमें ट्रंप के युद्ध शक्तियों को सीमित करने के लिए एक द्विपक्षीय विधेयक पेश किया गया है। संयुक्त राष्ट्र ने रविवार को आपातकालीन सत्र बुलाया, जहां महासचिव ने मध्य पूर्व में “खतरनाक मोड़” की चेतावनी दी।
नागरिकों पर असर
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने चेतावनी दी है कि इस संघर्ष में नागरिक भारी नुकसान उठा रहे हैं। 15 जून को ईरान के ताजरिश स्क्वायर और इजरायल के बत याम में हुए हमलों में महिलाओं और बच्चों सहित 20 से अधिक लोग मारे गए। संगठन ने दोनों पक्षों से अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करने की अपील की है।
आगे की राह
अमेरिका और इजरायल के बीच तालमेल और ईरान की जवाबी रणनीति अगले कुछ घंटों में स्थिति को और स्पष्ट करेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर तनाव नियंत्रित नहीं हुआ, तो यह पूरे मध्य पूर्व में बड़े पैमाने पर युद्ध का रूप ले सकता है। दुनिया की नजरें अब तेहरान, वाशिंगटन और यरुशलम पर टिकी हैं।