कोलकाता : पश्चिम बंगाल के कालीगंज में एक 13 वर्षीय लड़की की विस्फोट में मौत के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता कुणाल घोष ने गंभीर बयान दिया है। घोष ने कहा कि इस दुखद घटना की निंदा करते हुए ममता बनर्जी ने इसे “अत्यंत दुखद” बताया है और दोषियों को सख्त सजा दिलाने का आश्वासन दिया है।
घोष ने कहा, “टीएमसी ने कालीगंज उपचुनाव में जीत हासिल की है और लोगों ने बीजेपी की सांप्रदायिक राजनीति को माकूल जवाब दिया है। लेकिन इसके बाद एक दुखद घटना हुई, जिसमें एक लड़की की जान चली गई। ममता बनर्जी ने इसकी निंदा की है। हम किसी को भी बख्शेंगे नहीं और इस घटना के पीछे के सभी लोगों को सजा दी जाएगी। हम यह भी देखेंगे कि क्या यह घटना टीएमसी की जीत का जश्न खराब करने के लिए की गई थी। जो भी इसके पीछे है, उसे इसका परिणाम भुगतना होगा।”
यह घटना पश्चिम बंगाल में राजनीतिक तनाव के बीच हुई है, जहां टीएमसी पर हिंसा और चुनावी गलत कार्यों का आरोप लगाया गया है। बीजेपी के राष्ट्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने इस घटना को “टीएमसी की हिंसक और वोटबैंक की राजनीति” का परिणाम बताया है।
कुणाल घोष की टीएमसी के साथ उनकी अस्थिर रिश्ते की पृष्ठभूमि भी इस बयान को और जटिल बनाती है। घोष ने पहले ममता बनर्जी पर सारधा चिट फंड घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसके कारण उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया था। हालांकि, बाद में उन्हें फिर से पार्टी के प्रवक्ता के रूप में बहाल किया गया।
पश्चिम बंगाल पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है और दोषियों को गिरफ्तार करने के लिए छापे मारे जा रहे हैं। पुलिस ने कहा कि वे इस “अत्यंत दुखद” घटना के पीछे के लोगों को बख्शेंगे नहीं।
इस बीच, चुनाव आयोग ने भी घटना की रिपोर्ट मांगी है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इस मामले में गंभीरता से जांच की जा रही है।
बतातें चलें कि कालीगंज में हुई इस घटना ने एक बार फिर पश्चिम बंगाल की राजनीतिक स्थिति को सुर्खियों में ला दिया है। जबकि टीएमसी नेता कुणाल घोष ने दोषियों को सजा दिलाने का वादा किया है, वहीं विपक्षी दल इस घटना को टीएमसी की “हिंसक राजनीति” का सबूत बता रहे हैं।