नई दिल्ली : ईरान और इजरायल के बीच तनाव बढ़ने के बीच ब्रिटेन को मिडिल ईस्ट में जंग और ज्यादा बढ़ने की आशंका सता रही है। इस तनाव के कारण ब्रिटिश एयरवेज ने दुबई की सभी उड़ानें रद्द कर दी हैं और कतर की उड़ानों पर भी ब्रेक लगा दिया है।
मिडिया रिपोर्ट की माने तो ब्रिटेन के अधिकारियों को क्षेत्र में हिंसा और तनाव में वृद्धि का डर है, जो वैश्विक स्तर पर यात्रा और व्यापार को प्रभावित कर सकता है।
वहीं इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं भी आ रही है। बता दें जून 2025 में कनाडा में आयोजित जी 7 शिखर सम्मेलन में नेताओं ने मिडिल ईस्ट में तनाव को कम करने का आह्वान किया, लेकिन इजरायल और ईरान के बीच युद्धविराम की मांग से बचते हुए एक संतुलित बयान जारी किया। इधर अमेरिका ने ईरानी परमाणु सुविधाओं पर हमले किए, जिसे राष्ट्रपति ट्रंप ने एक “सैन्य सफलता” बताया। इस कार्रवाई ने तनाव को और बढ़ा दिया है, और ईरान ने इसे “कटु सैन्य आक्रामकता” करार दिया है। ऊधर चीन ने अमेरिका की कार्रवाई की निंदा की है और शांति प्रयासों का आह्वान किया है, जबकि अन्य वैश्विक नेता क्षेत्र में स्थिरता बहाल करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
यात्रा और व्यापार पर प्रभाव वित्तीय टाइम्स और टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट्स के अनुसार, मिडिल ईस्ट में हवाई अड्डों पर गंभीर व्यवधान देखा गया है, जिससे हजारों यात्री फंसे हुए हैं। ब्रिटिश एयरवेज के अलावा, अन्य प्रमुख एयरलाइंस जैसे एयर इंडिया, एमिरेट्स, एतिहाद, कतर एयरवेज और लुफ्थांसा भी अपनी उड़ानें रद्द या डायवर्ट कर रही हैं।
विश्लेषण विशेषज्ञों का मानना है कि इस तनाव का दूरगामी प्रभाव हो सकता है, जिसमें तेल की कीमतें बढ़ना और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान शामिल हैं। मिडिल ईस्ट, जो प्रमुख एयरलाइन हब्स का घर है, में उड़ानों का रद्द होना यात्रियों और कार्गो दोनों के लिए गंभीर चुनौतियां पैदा कर रहा है।
यह घटनाक्रम दुनिया भर में चिंता का विषय बना हुआ है, और कूटनीतिक प्रयास जारी हैं ताकि क्षेत्र में शांति बहाल की जा सके और मानव जीवन की रक्षा हो सके।