रांची : झारखंड में आज एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के 10 साल पूरे हो गए हैं। इस अवसर पर केंद्र की मोदी सरकार ने राज्य में पीएम आवास योजना (शहरी) 2.0 की शुरुआत की घोषणा की, जो शहरी बेघरों को पक्के मकान प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। बुधवार को राज्य के सभी नगर निकायों में इस उपलब्धि को चिह्नित करने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए।
नगरीय प्रशासन निदेशालय की निदेशक नैंसी सहाय ने इस योजना की जानकारी देते हुए बताया कि पीएम आवास योजना (शहरी) 2.0 के तहत पात्र लोग अब ऑनलाइन या अपने निकटतम नगर निकाय के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने लाभार्थियों और नगर निकायों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह योजना राज्य के शहरी गरीबों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है। योजना की खासियत यह है कि इसके तहत महिला स्वामित्व को प्राथमिकता दी जाती है, जिससे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिल रहा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की शुरुआत 25 जून 2015 को हुई थी, जिसका लक्ष्य 2022 तक सभी शहरी गरीबों को पक्का मकान उपलब्ध कराना था। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में 1.18 करोड़ से अधिक मकानों का निर्माण या स्वीकृति इस योजना के तहत दी जा चुकी है। हालांकि, जमीन की उपलब्धता और फंडिंग में देरी जैसी चुनौतियों के बावजूद, योजना ने लाखों परिवारों की जिंदगी बदल दी है।
PMAY 2.0 के साथ सरकार का लक्ष्य बचे हुए शहरी बेघरों को आश्रय प्रदान करना है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी सफलता बेहतर कार्यान्वयन रणनीतियों, जैसे समय पर फंडिंग और भूमि आवंटन, पर निर्भर करेगी। राज्य सरकार और केंद्र के सहयोग से इस योजना के विस्तार की उम्मीद है, जो झारखंड के शहरी विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है।