नई दिल्ली: महाराष्ट्र में कोरोना वायरस ने एक बार फिर सिर उठाया है। राज्य में आज 27 जून 2025 को एक 65 वर्षीय महिला की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई, जो कोल्हापुर की निवासी थीं। इसके साथ ही राज्य में पिछले 24 घंटों में 13 नए मामले सामने आए हैं, जिसके कारण सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 148 हो गई है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला उम्र और संभवतः अन्य गंभीर बीमारियों (कॉमॉर्बिडिटी) से जुड़ा हो सकता है, जैसा कि वैश्विक स्तर पर बुजुर्गों में देखा गया है। बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में कोविड-19 से मृत्यु दर वैश्विक स्तर पर 75% तक रही है, जबकि भारत में यह आंकड़ा 53% के आसपास रहा है। हालांकि, बोस्टन ग्लोब (2020) की एक रिपोर्ट में 106 वर्षीय एक महिला के ठीक होने का उल्लेख है, जो इस बात की ओर इशारा करता है कि स्वास्थ्य सुविधाओं और व्यक्तिगत प्रतिरक्षा में अंतर मृत्यु दर को प्रभावित कर सकता है।
इस बीच, हाल ही में अमेरिका ने मॉडर्ना के लिए 766 मिलियन डॉलर की एवियन इन्फ्लुएंजा (बर्ड फ्लू) वैक्सीन परियोजना को रद्द कर दिया है, जैसा कि सीबीएस न्यूज (2025) ने रिपोर्ट किया। यह कदम वैश्विक स्वास्थ्य तैयारियों पर सवाल उठाता है, खासकर तब जब भारत जैसे देशों में कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि, अभी तक इस रद्दीकरण और मौजूदा प्रकोप के बीच कोई सीधा वैज्ञानिक संबंध सामने नहीं आया है।
भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय (MoHFW) और कोविड-19 डैशबोर्ड के अनुसार, देश में सक्रिय मामले 3256 तक सीमित हैं, जो दर्शाता है कि स्थिति नियंत्रण में है। फिर भी, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में स्थानीय स्तर पर सतर्कता बरती जा रही है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि टीकाकरण और स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देना इस स्थिति से निपटने का प्रमुख तरीका हो सकता हैँ।