बिहार में चुनाव आयोग के वोटर लिस्ट पुनरीक्षण के फैसले ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को आरा में अपनी बिहार बदलाव यात्रा के दौरान इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि चुनाव आयोग को अपना काम निष्पक्ष तरीके से करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि बिहार की मालिक जनता है और लोकतंत्र में जनशक्ति के आगे कोई नहीं टिक सकता।
चुनाव आयोग पर बोले प्रशांत किशोर
आरा में पत्रकारों से बातचीत के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर चुनाव आयोग कुछ गलत करता है तो वे सवाल उठाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिहार की जनता जो चाहेगी, वही होगा। कोई संस्था या व्यक्ति उनकी इच्छा को रोक नहीं सकता। आपको बता दें कि जनसुराज से पहले जब महागठबंधन की ओर से भी वोटर लिस्ट में अनियमितताओं का आरोप लगे हैं।
“नीतीश-लालू-मोदी सब हारेंगे”
एक चुनावी सर्वे में सीएम पद के लिए नीतीश कुमार को सबसे उपयुक्त बताए जाने पर प्रशांत किशोर ने कहा कि यह बिहार की जनता की जीत है। उन्होंने दावा किया कि इस बार चुनाव में लालू, नीतीश और मोदी सब नीचे जाएंगे। बिहार की जनता नई सोच के साथ जीतकर आएगी। उन्होंने आगे कहा कि 30 सालों से बिहार की जनता गरीबी और बेरोजगारी से जूझ रही है, लेकिन अब लोग जाग चुके हैं और नई व्यवस्था चाहते हैं।
“तेज प्रताप यादव से बिहार की जनता को मतलब नहीं”
जब पत्रकारों ने तेज प्रताप यादव के हालिया बयानों के बारे में पूछा, जिसमें उन्होंने कहा था कि “मैं ही दूसरा लालू हूं,” तो प्रशांत किशोर ने साफ किया कि तेज प्रताप और तेजस्वी के बीच चल रही पारिवारिक लड़ाई से बिहार की जनता को कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग रोजगार, शिक्षा और पलायन रोकने जैसे मुद्दों पर ध्यान देना चाहते हैं, न कि यादव परिवार के आंतरिक विवादों पर।
अशोक चौधरी की नियुक्ति पर सवाल
बिहार के मंत्री अशोक चौधरी के 56 साल की उम्र में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने पर प्रशांत किशोर ने तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि जहां आम लोग क्लर्क बनने के लिए परीक्षाएं दे रहे हैं, वहीं बिना किसी योग्यता के मंत्री जी प्रोफेसर बन गए। उन्होंने आरोप लगाया कि अशोक चौधरी को पता है कि अगले चुनाव में उन्हें कोई टिकट नहीं मिलेगा, इसलिए वे सरकारी नौकरी की तलाश में हैं।