नई दिल्ली : चीन ने एक ऐसे हथियार को विकसित करने का दावा किया है, जिसे ‘ब्लैकआउट बम’ कहा जा रहा है। यह बम पावर सप्लाई को पूरी तरह से ठप करने की क्षमता रखता है, जिससे दुश्मन देश की बिजली आपूर्ति व्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित किया जा सकता है। चीन के सरकारी प्रसारक द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में इस बम के कार्यप्रणाली को दिखाया गया है, जिसमें बेहद महीन कार्बन फिलामेंट्स को बिजली के उच्च वोल्टेज लाइनों पर छोड़कर शॉर्ट सर्किट पैदा करने की बात कही गई है।
यह तकनीक दुश्मन की बिजली ग्रिड को निष्क्रिय करने के लिए डिज़ाइन की गई है, जिससे व्यापक स्तर पर बिजली की आपूर्ति बाधित हो सकती है। इस तरह के हथियार, जिसे ग्रेफाइट बम भी कहा जाता है, पहले से ही सैन्य संदर्भों में देखा गया है। उदाहरण के लिए, दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया के खिलाफ इसी तरह की तकनीक का उपयोग करने की योजना बनाई है। हालांकि ये हथियार गैर-घातक माने जाते हैं, लेकिन इनकी रणनीतिक प्रभावशीलता महत्वपूर्ण हो सकती है, क्योंकि ये महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और कमान प्रणालियों को बाधित कर सकते हैं।
इस विकास ने वैश्विक सुरक्षा और सैन्य तकनीकों के विकास के संदर्भ में चिंताएं बढ़ा दी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह चीन की बढ़ती सैन्य क्षमताओं और क्षेत्रीय तथा वैश्विक सुरक्षा गतिशीलता पर इसके प्रभाव को दर्शाता है। यह खबर ऐसे समय में आई है, जब विश्व भर में सैन्य तनाव और तकनीकी प्रगति के बीच संतुलन बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस विकास पर नज़र रख रहा है और इसके दीर्घकालिक प्रभावों का आकलन कर रहा है।