ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने राज्य की सत्तारूढ़ सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि सांप्रदायिक शक्तियों ने बिहार में भारी तबाही मचाई है और यहाँ के सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुँचाया है। उन्होंने कहा कि इस सरकार को हटाना जनहित में जरूरी है, नहीं तो बिहार का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा।
“पुरखों की विरासत को नष्ट किया, भ्रष्टाचार और अपराध को बढ़ावा”
अख्तरुल इमान ने कहा कि हमारे पूर्वजों की विरासत को नष्ट कर दिया गया है। बिहार में एक ऐसी सरकार आई है जो भ्रष्टाचार और अपराध को प्रोत्साहित करती है। हम नहीं चाहते कि यहाँ फिर से ऐसी सरकार बने।” उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा सरकार में लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है और शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। AIMIM ने महागठबंधन को अपना प्रस्ताव दे दिया है, लेकिन अब फैसला उनके हाथ में है।
“वोटर पुनरीक्षण अभियान एक साजिश, युवाओं को वोट से वंचित करने की कोशिश”
वोटर पुनरीक्षण अभियान पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए अख्तरुल इमान ने कहा कि यह एक सुनियोजित साजिश है। उन्होंने बताया कि AIMIM के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी इसका विरोध करते हुए चुनाव आयोग को 90 बिंदुओं पर आपत्ति पत्र भेजा है। आयोग बिहार के आम मतदाताओं को वोट देने से रोकना चाहता है। जन्म प्रमाण पत्र माँगा जा रहा है, लेकिन क्या सभी लोग इसे जमा कर पाएंगे? बिहार के 70% युवा रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में हैं। क्या वे 25 दिनों में दस्तावेज जमा कर पाएंगे? यह पूरी प्रक्रिया सालभर चलनी चाहिए, न कि महज कुछ हफ्तों में।
“महाराष्ट्र की तरह बिहार में भी खेल चल रहा, Third Front का विकल्प तैयार”
अख्तरुल इमान ने महाराष्ट्र की राजनीति का उदाहरण देते हुए कहा कि कुछ ताकतें बिहार में भी वही चाल चलना चाहती हैं, लेकिन जनता उन्हें जवाब देगी। उन्होंने संकेत दिया कि AIMIM Third Front बनाने पर भी विचार कर रही है। हम किसी के एजेंट नहीं हैं। पिछले 11 साल से हम बिहार की जनता के बीच काम कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य सत्ता पाना नहीं, बल्कि संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करना है।