नई दिल्ली :- ईरान और इस्राइल के बीच जारी तनाव और गहरा गया है, क्योंकि ईरानी राज्य मीडिया ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित सीजफायर को ‘छलावा’ करार दिया है। इस बीच, दोनों देशों के बीच मिसाइल हमले और जवाबी कार्रवाई जारी है, जिससे क्षेत्र में अशांति बढ़ती जा रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरानी मीडिया का दावा है कि ट्रंप का सीजफायर प्रस्ताव मात्र एक रणनीतिक चाल है, जिसका मकसद संघर्ष को रोकने के बजाय इसे और भड़काना है।
इस्राइल ने हाल ही में ईरान पर मिसाइल हमले किए, जिसके जवाब में ईरान ने भी इस्राइल पर मिसाइल दागीं, जिससे दोनों पक्षों के बीच हिंसा और बढ़ गई है। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और ट्रंप के बीच करीबी संबंधों को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। नेतन्याहू की भ्रष्टाचार की सुनवाई को रोकने के लिए ट्रंप के हस्तक्षेप की खबरें सामने आई हैं, जिससे इस्राइल की आंतरिक राजनीति और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति पर असर पड़ रहा है।
वहीं, ईरान-इस्राइल प्रॉक्सी वार का इतिहास लंबा रहा है, जहां ईरान ने हमास और हिजबुल्लाह जैसे समूहों को समर्थन दिया है, जबकि इस्राइल ने ईरानी परमाणु सुविधाओं पर हमले किए हैं। हालिया घटनाक्रम में, ट्रंप ने ईरान के खिलाफ नेतन्याहू की कार्रवाइयों की तारीफ की है, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ा है। इस बीच, वैश्विक नेता इस स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं, और अमेरिका की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।
ट्रंप की नीतियों और इस्राइल के साथ उनके गठबंधन ने ईरान को और आक्रामक रुख अपनाने के लिए प्रेरित किया है, जिससे मध्य पूर्व में स्थिरता की उम्मीदें धूमिल होती जा रही हैं। स्पष्ट है कि ईरान और इस्राइल के बीच संघर्ष सिर्फ सैन्य नहीं, बल्कि राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर भी गहरा रहा है, और इसका समाधान निकालना दोनों पक्षों के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।