राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने सांप्रदायिक ताकतों पर तीखा हमला बोलते हुए देश की सामाजिक धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिए एकजुट लड़ाई का आह्वान किया है। राजद नेता ने सत्ताधारी दल पर संविधान और लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार का एजेंडा देश को उसकी मूल भावना से भटका देना है। ये लोग संविधान को खत्म करना चाहते हैं। भाईचारा, लोकतंत्र और प्रेम को मिटा देना चाहते हैं। सत्ता से चले भी जाएं, तो इन्होंने जो नफरत बोई है, उसे मिटाने में सालों लगेंगे।”
उन्होंने शायराना अंदाज में कहा कि वे नफरत नहीं, मोहब्बत फैलाएंगे और कर्म को धर्म से ऊपर रखेंगे। तेजस्वी यादव ने अपनी बात रखते हुए कहा, “हम सबको गले लगाएंगे, सबको अपनाएंगे। हम नफरत नहीं मोहब्बत फैलाएंगे। हम धर्म के नाम पर नहीं, कर्म के नाम पर पहचान बनाएंगे। मंदिर भी सजाएंगे, मस्जिद भी सजाएंगे, पर सबसे पहले इंसानियत को सजाएंगे, संवारेंगे। तभी हम सही मायने में इंसान कहलाएंगे।”
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उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सभी की तकलीफें एक हैं और यह लड़ाई किसी एक की नहीं, बल्कि सबकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब वे प्रेम, मोहब्बत, भाईचारे और मुद्दों की बात करते हैं, तो सांप्रदायिक ताकतें उन पर हमला करती हैं। तेजस्वी ने हाल ही में गांधी मैदान में वक्फ के खिलाफ हुए जुटान का जिक्र करते हुए कहा कि उसके बाद से दिल्ली में भाजपा के नेता उन्हें लगातार गाली दे रहे हैं, कभी ‘नमाजवादी’ कह रहे हैं तो कभी ‘मौलाना’। उन्होंने कहा कि ये नेता मुद्दों की बात नहीं करते, बल्कि मुर्दों की बात करते हैं, काम की नहीं, बेकार की बात करते हैं और देश को जोड़ने की नहीं, तोड़ने की बात करते हैं।
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तेजस्वी यादव ने सत्ताधारी लोगों पर संविधान और लोकतंत्र को खत्म करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ये संविधान को खत्म करने वाले लोग हैं। ये चाहते हैं कि देश में संविधान खत्म हो जाए, देश के भाईचारा और लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं।” उन्होंने चेतावनी दी कि सत्ता में बैठे ये लोग इतनी नफरत फैला रहे हैं कि अगर वे सत्ता से चले भी जाएं, तो इस नफरत को जमीन से मिटाने में न जाने कितना समय लगेगा। इसीलिए, उन्होंने सभी से एकजुट होकर इस लड़ाई को मिलकर लड़ने का आग्रह किया, ताकि देश में प्रेम, भाईचारा और संविधान की रक्षा की जा सके।