बिहार की राजनीति में एक नया विवाद छिड़ गया है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने राजद नेता तेजस्वी यादव को ‘मौलाना’ कहकर सियासी बहस को नया मोड़ दे दिया है। इस पर तेजस्वी ने मंगलवार को पटना के बापू सभागार में दिए गए अपने संबोधन में जोरदार जवाब दिया और कहा— मौलाना का मतलब विद्वान होता है, मैं मुद्दों की बात करता हूं।
क्या है पूरा विवाद?
मामला तब शुरू हुआ जब तेजस्वी यादव ने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ पटना के गांधी मैदान में हुए प्रदर्शन में हिस्सा लिया और कहा कि अगर उनकी सरकार बनी तो इस कानून को “कूड़ेदान में फेंक दिया जाएगा।” इसके जवाब में भाजपा नेता गौरव भाटिया ने तेजस्वी पर “सांप्रदायिक राजनीति” करने का आरोप लगाते हुए उन्हें “मौलाना तेजस्वी” कह दिया।
“ये चिरकूट BJP वाले…”: तेजस्वी का भड़काऊ बयान
अपने संबोधन में तेजस्वी यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि “जब हम प्रेम, भाईचारे और मुद्दों की बात करते हैं, तो सांप्रदायिक ताकतें हम पर हमला करती हैं। वक्फ बिल के खिलाफ रैली के बाद से दिल्ली के ये चिरकूट BJP वाले हमें गालियां दे रहे हैं— कभी ‘नमाज़ी’ कहते हैं, कभी ‘मौलाना’।”
उन्होंने आगे कहा कि “ये लोग मुद्दों की नहीं, मुर्दों की बात करते हैं। ये देश को जोड़ने की नहीं, तोड़ने की साजिश करते हैं। ये संविधान को खत्म करना चाहते हैं और नफरत फैला रहे हैं।”
BJP का पलटवार: “शरिया कानून चाहते हैं तेजस्वी”
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने तेजस्वी पर जमकर हमला बोला और कहा कि “ये ‘नमाज़वादी’ डॉ. आंबेडकर के संविधान को नहीं, बल्कि शरिया कानून चाहते हैं। ये सिर्फ एक समुदाय का सशक्तिकरण चाहते हैं। अगर इन्हें शरिया चाहिए, तो पाकिस्तान चले जाएं।” उन्होंने यह भी कहा कि बिहार की जनता “सांप्रदायिक राजनीति को कूड़ेदान में फेंक देगी।”