राजनीति के मंच पर अक्सर तीखे तेवरों में दिखने वाले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का बुधवार को एक अलग ही रूप सामने आया, जब वे खुद “रिपोर्टर” बन गए। बिहार में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया पर उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं और कार्यकर्ताओं से सवाल पूछते हुए उनकी राय ली। इस दौरान उनके साथ राजद के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल, अब्दुल बारी सिद्दीकी, उदय नारायण चौधरी, संजय यादव आदि मौजूद थे।

तेजस्वी यादव ने माइक थामा और पार्टी कार्यालय में मौजूद राजद नेताओं से पूछा कि क्या वे अपने-अपने क्षेत्रों में मतदाता पुनरीक्षण अभियान के प्रति जागरूकता फैला रहे हैं? क्या आम लोग इस प्रक्रिया से अवगत हैं? क्या Booth-Level Officers (BLOs) सही तरीके से काम कर रहे हैं?

तेजस्वी यादव का यह अनोखा अंदाज कैमरे में कैद हुआ और कुछ ही घंटों में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में तेजस्वी यादव एक पत्रकार की तरह माइक थामे पार्टी के जिला अध्यक्षों और नेताओं से पूछते नजर आए- क्या आपके क्षेत्र में मतदाता पुनरीक्षण सही तरीके से चल रहा है? क्या लोगों का नाम कट तो नहीं रहा? SC/ST और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के नाम सूची में हैं या नहीं?
‘चुनाव आयोग बीजेपी का एजेंट बन गया है..’ तेजस्वी यादव का सबसे बड़ा हमला
तेजस्वी यादव ने बाद में मीडिया से बातचीत में कहा कि हमारे पास कई जिलों से शिकायतें आई हैं कि मतदाता पुनरीक्षण में गड़बड़ी हो रही है। SC, ST, OBC और मुस्लिम समुदाय के लोगों के नाम बड़ी संख्या में काटे जा रहे हैं। यह लोकतंत्र के खिलाफ है। हम इस पर निगरानी रखेंगे और जरूरत पड़ी तो चुनाव आयोग से शिकायत भी करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि राजद कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर पर सतर्क रहने की आवश्यकता है ताकि किसी भी मतदाता का नाम गलत तरीके से न हटाया जाए।