बिहार में विधानसभा चुनावों से पूर्व मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज है। विपक्षी दलों ने गंभीर आपत्ति दर्ज कराई है। कांग्रेस, राजद, समाजवादी पार्टी सहित 11 दलों के नेताओं ने निर्वाचन आयोग में जाकर इस पर आपत्ति जताई और इसे चुनावी समानता के अधिकार का हनन बताया। इधर, निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने भी चुनाव आयोग को कड़ी चेतावनी दे दी है।
चुनाव आयोग से मिला इंडी गठबंधन का प्रतिनिधिमंडल.. जानिए क्या हुई बात
उन्होंने एक्स पर धमकी भरे अंदाज में लिखा कि अगर चुनाव आयोग अपना वोटर पुनरीक्षण की नौटंकी बंद नहीं किया तो उसके ख़िलाफ़ हम महायुद्ध छेड़ेंगे। हम चुप नहीं रहेंगे। चुनाव आयोग संवैधानिक संस्था है, पर जनता सर्वोपरि है। चुनाव आयोग जनता की सेवा के लिए है, लोकतंत्र की रक्षा के लिए है। पर रक्षक ही भक्षक बन जाएगी तो उसका उपचार जनता के द्वारा हमलोग करेंगे।
इतना ही नहीं पप्पू यादव ने आगे कहा कि बिहार के आम लोगों, युवाओं, दलित, अति पिछड़े सभी समाज के लोगों से निवेदन है अपने गांव में BLO और किसी चुनाव कर्मी को घुसने न दें। कोई जबरदस्ती आ जाये तो चाय पानी करा विदा कर दें, लेकिन कोई कागजात या, कोई डिटेल न दें देखते हैं यह कैसे मतदाता पुनरीक्षण की नौटंकी करते हैं! सविनय अवज्ञा, पूर्ण बहिष्कार!
‘बाबा-ए-कौम’ के बेटे तनवीर अंसारी राजद में शामिल.. तेजस्वी यादव ने दिलाई सदस्यता
बता दें कि कल 11 दलों के नेताओं ने निर्वाचन आयोग से मुलाक़ात की। लगभग तीन घंटे तक चली बैठक में विपक्ष ने मतदाता सूची के सत्यापन प्रक्रिया में आई कठिनाइयों पर प्रकाश डाला। बिहार के लगभग आठ करोड़ मतदाता इस पुनरीक्षण प्रक्रिया से प्रभावित हैं। चुनाव आयोग द्वारा दिये गए 25 दिन के समय में आवश्यक दस्तावेज जमा करने में कठिनाई आ रही है, जिससे लोगों में भारी असमंजस है।