बिहार की राजनीति में एक बार फिर मुकेश सहनी चर्चा में हैं। विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के सुप्रीमो और “सन ऑफ मल्लाह” कहे जाने वाले सहनी ने एक साथ दो बड़े दावे किए हैं। उन्होंने कहा कि अगर महागठबंधन की सरकार बनती है तो वे उपमुख्यमंत्री (डिप्टी सीएम) बनेंगे, लेकिन साथ ही यह भी कह दिया कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निषाद समाज को आरक्षण दे दिया तो वे उनके लिए जान भी दे देंगे।
इस बयान ने बिहार की सियासी गलियारों में तूफान ला दिया है। कांग्रेस ने तुरंत इस पर आपत्ति जताते हुए तेजस्वी यादव से हस्तक्षेप करने की मांग की है।
“कर्पूरी ठाकुर के बाद अति पिछड़ों का पहला नेता हूं”
एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में मुकेश सहनी ने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनी तो मैं डिप्टी सीएम बनूंगा। कर्पूरी ठाकुर के बाद बिहार में अति पिछड़ों (MBC) का कोई नेता नहीं उभरा, मैं वही नेतृत्व दे रहा हूं। हमने 60 सीटों पर दावा किया है। हमारा वोट बैंक 12% है, इसलिए यह मांग जायज है। अगर मोदी जी ने चुनाव से पहले निषादों को आरक्षण दे दिया तो मैं उनके लिए जान भी दे दूंगा।
कांग्रेस ने जताई आपत्ति, कहा – “यह दोगलापन है”
कांग्रेस नेता प्रेमचंद मिश्रा ने सहनी के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह दोगली राजनीति है। अगर आप महागठबंधन में हैं तो मोदी के लिए जान देने की बात कैसे कर सकते हैं? यह कांग्रेस को मंजूर नहीं।
मुकेश सहनी का राजनीतिक सफर: BJP से महागठबंधन तक
- 2015: भाजपा के समर्थन से राजनीति में एंट्री।
- 2019 & 2024: महागठबंधन के साथ लोकसभा चुनाव लड़ा, पर जीत नहीं मिली।
- 2020: सीट शेयरिंग पर झगड़ा हुआ, प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़कर चले गए और कहा – “मेरी पीठ में छुरा घोंपा गया।”
- बाद में NDA में शामिल हुए, 11 सीटें मिलीं, पर 2022 तक सभी विधायक भाजपा में चले गए।