प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश दौरे के चौथे चरण में ब्राजील पहुंचे। पांच देशों की यात्रा पर निकले पीएम मोदी सबसे पहले घाना गए थे। इसके बाद उन्होंने कैरेबियन देश- त्रिनिदाद एंड टोबैगो का दौरा किया। यात्रा के तीसरे चरण में पीएम मोदी अर्जेंटीना गए। अब विदेश दौरे के चौथे पड़ाव पर पीएम मोदी चार दिनों के लिए ब्राजील में रूके हैं। अपनी यात्रा के अंतिम चरण में वे नामीबिया जाएंगे। ब्राजील में पीएम मोदी ब्रिक्स समिट में शामिल हुए।

ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- आतंकवाद आज मानवता के लिए सबसे गंभीर चुनौती बन गया है। पीएम मोदी ने कहा, ‘ग्लोबल साउथ अक्सर दोहरे मानदंडों का शिकार रहा है। चाहे विकास की बात हो, संसाधनों के वितरण की बात हो या सुरक्षा से जुड़े मुद्दों की, ग्लोबल साउथ के हितों को प्राथमिकता नहीं दी गई है।
जलवायु वित्त, सतत विकास और प्रौद्योगिकी पहुंच जैसे मुद्दों पर ग्लोबल साउथ को अक्सर सिर्फ औपचारिक इशारे ही मिले हैं’। पीएम मोदी ने आगे कहा ’20वीं सदी में बनी वैश्विक संस्थाएं 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने में असमर्थ हैं। चाहे दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे संघर्ष हों, महामारी हो, आर्थिक संकट हो या साइबरस्पेस में नई उभरती चुनौतियां हों, इन संस्थाओं के पास कोई समाधान नहीं है’।
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा ‘एआई के युग में, जहां हर हफ्ते तकनीक अपडेट होती है, यह स्वीकार्य नहीं है कि कोई वैश्विक संस्थान 80 साल में एक बार भी अपडेट न हो। 20वीं सदी के टाइपराइटर 21वीं सदी के सॉफ्टवेयर को नहीं चला सकते’। मोदी ने कहा, ‘ब्रिक्स का विस्तार और नए मित्रों का जुड़ना इस बात का सबूत है कि ब्रिक्स एक ऐसा संगठन है जो समय के हिसाब से खुद को बदल सकता है। अब हमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, विश्व व्यापार संगठन और बहुपक्षीय विकास बैंकों जैसी संस्थाओं में सुधार के लिए भी यही इच्छाशक्ति दिखानी होगी।’
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प्रधानमंत्री की ब्राजील यात्रा पर विदेश मंत्रालय की और से सोमवार को प्रेस ब्रीफिंग की गई। सचिव (आर्थिक संबंध) दामू रवि ने कहा “प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान दोहराया कि 20वीं सदी के वैश्विक संगठनों में 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने की क्षमता का अभाव है। उन्होंने आगे कहा कि तेजी से बदलते वैश्विक घटनाक्रम के संदर्भ में दो दिवसीय शिखर सम्मेलन का बहुत महत्व है। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का महत्व और बढ़ गया है। इसने पूरे शिखर सम्मेलन को और बड़ा कर दिया है। भारत ब्रिक्स का संस्थापक सदस्य है और अगले वर्ष भारत ब्रिक्स की अध्यक्षता संभालेगा।”