बिहार में आज भारी प्रदर्शन और हड़ताल का दिन है। INDIA गठबंधन ने मतदाता गहन पुनरीक्षण (Voter List Revision) के खिलाफ राज्यव्यापी बंद (Bihar Bandh) का आह्वान किया है। विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार द्वारा मांगे गए 11 दस्तावेजों के आधार पर गरीबों और पिछड़े वर्गों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा सकते हैं। इस बिहार बंद में महागठबंधन के सभी बड़े नेता शामिल हुए।

बिहार बंद के दौरान पटना में महागठबंधन में शामिल घटक दलों के नेताओं ने सड़क पर प्रदर्शन किया है। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव समेत कई दिग्गज नेताओं के नेतृत्व में महागठबंधन के कार्यकर्ताओं के हुजूम ने पटना के आयकर गोलंबर से मार्च शुरू किया था। इस मार्च को शहीद स्मारक के पास रोक दिया गया है। हालांकि, इस दौरान कई कार्यकर्ताओं ने पुलिस की बैरिकेडिंग को तोड़ने की भी कोशिश की थी। यह बैरिकेडिंग पटना में निर्वाचन आयोग के दफ्तर से कुछ ही दूरी पर की गई है।

शहीद स्मारक के पास इंडिया गठबंधन के नेताओं ने भाषण भी दिया है। उनके संबोधन के दौरान निशाने पर केंद्र व राज्य सरकार रही। तेजस्वी यादव, दीपांकर भट्टाचार्य और डी राजा ने यहां कार्यकर्ताओं को संबोधित किया है। सभी नेताओं ने मतदाता पुनरीक्षण को लोकतंत्र के लिए घातक बताया है।

तेजस्वी यादव ने कहा है कि सरकार गरीबों से उनका हक छीनना चाहती है। वोटर लिस्ट जांच को गरीबों के खिलाफ साजिश बताते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, ‘पहले नाम हटाए जाएंगे फिर आपकी पेंशन-राशन छीना जाएगा। ‘बिहार बंद’ पर तेजस्वी यादव ने निर्वाचन आयोग और केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “चुनाव आयोग एक राजनीतिक दल का अंग बन गया है। “क्या गुजरात के दो लोग तय करेंगे कि कौन बिहारी मतदाता वोट दे सकता है और कौन नहीं? “
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तेजस्वी यादव ने आगे कहा, “चुनाव आयोग अपनी विश्वसनीयता खो चुका है। गरीब लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाने की बड़े पैमाने पर तैयारी चल रही है। पहले उनके नाम हटाए जा रहे हैं, फिर उनकी पेंशपें न और राशन भी छीन लिया जाएगा।” तेजस्वी यादव ने मार्च में आए लोगों से कहा, “हम बीजेपी की और नीतीश कुमार के ‘गोदी आयोग’ को अनुमति नहीं देंगे। दादागिरी नहीं चलेगी। बिहार लोकतंत्र की जननी है और वे यहां लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं। बिहार के लोग ऐसा नहीं होने देंगे। यहां ‘क्रांति’ होगी।”