बिहार की राजनीति में एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है। नवादा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के दौरे ने ना सिर्फ स्थानीय राजनीति को गरमाया, बल्कि जदयू के भीतर टूट और राजद की ओर झुकाव की तस्वीर को भी उजागर कर दिया। हजारों की भीड़ और पार्टी बदलाव की घटनाओं के बीच नवादा अब राजनीतिक पटल पर एक नई धुरी बनकर उभरा है।
तेजस्वी यादव के स्वागत के लिए नवादा में अभूतपूर्व जनसैलाब उमड़ा। मंच पर मौजूद चेहरों में एक नाम जो सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा, वह था पूर्व विधायक कौशल यादव का, जो कभी जदयू के मजबूत स्तंभ माने जाते थे। अब वे तेजस्वी के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं और नवादा विधानसभा क्षेत्र में जदयू के अस्तित्व पर ही सवाल उठा दिए हैं।
कौशल यादव का कहना था कि नीतीश कुमार अब थक चुके हैं, उनकी राजनीतिक ऊर्जा समाप्त हो चुकी है। उन्होंने सीधे आरोप लगाए कि बिहार के विभागों में भ्रष्टाचार चरम पर है, अफसरशाही बेलगाम हो चुकी है, और कानून व्यवस्था का हाल इतना खराब है कि अपराधियों को किसी सज़ा का भय नहीं रहा।
यही नहीं, पूर्व विधायक पूर्णिमा यादव ने भी तेजस्वी यादव की मौजूदगी में राजद का हाथ थाम लिया। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि आज बिहार को एक ऊर्जावान, युवा और दूरदर्शी नेतृत्व की जरूरत है, और तेजस्वी यादव ही वह चेहरा हैं जो राज्य को नई दिशा दे सकते हैं।
कार्यक्रम में मुस्लिम समुदाय से आने वाले मगध क्षेत्र के नेता सलमान रागीव मुन्ना ने भी नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार ने अल्पसंख्यक समाज को योजनाओं से वंचित रखा है और उन्हें दबाने की कोशिश की है। मुन्ना ने दावा किया कि बिहार के कोने-कोने में तेजस्वी यादव के पक्ष में लहर है और 2025 में उन्हें मुख्यमंत्री बनाना अब जनता की प्राथमिकता बन गई है।