पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2024 से पहले NDA गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने स्पष्ट कर दिया है कि वे NDA से अलग नहीं होंगे, लेकिन उनकी पार्टी को 30 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका मिलना चाहिए। हालांकि, BJP और JDU के बीच हुए समझौते के तहत LJP-R को 20-25 सीटें ही मिल पाने की उम्मीद है।
NDA में चिराग की मजबूत भूमिका
चिराग पासवान NDA के अहम सहयोगी हैं और पिछले लोकसभा चुनाव में भी उनकी पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया था। इस बार वे चाहते हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव में भी LJP-R को पर्याप्त सीटें मिलें। उनका कहना है कि पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल बनाए रखने के लिए उन्हें ज्यादा सीटों की जरूरत है। हालांकि, BJP और JDU दोनों ही अपने-अपने दावों को लेकर सख्त हैं।
क्या है सीट शेयरिंग का फॉर्मूला?
सूत्रों के मुताबिक, BJP और JDU प्रत्येक को लगभग 100-100 सीटें मिल सकती हैं, जबकि शेष सीटें LJP-R, HAM (जीतनराम मांझी) और RLSP (उपेंद्र कुशवाहा) के बीच बांटी जाएंगी। चिराग पासवान की मांग 30 सीटों की है, लेकिन NDA के भीतर समझौते के बाद उन्हें 20-25 सीटों पर ही संतोष करना पड़ सकता है।
चिराग खुद भी लड़ सकते हैं चुनाव?
चिराग पासवान ने संकेत दिया है कि वे खुद भी इस बार बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं। उनका कहना है कि यह फैसला पार्टी की रणनीति के तहत होगा। BJP ने भी स्पष्ट किया है कि NDA के सभी दल मिलकर चुनाव लड़ेंगे और गठबंधन के उम्मीदवारों को ही प्राथमिकता दी जाएगी।
BJP का पूरा समर्थन है चिराग को
चिराग पासवान ने कई बार खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “हनुमान” कहा है, जिससे साफ है कि वे BJP के साथ मजबूती से खड़े हैं। BJP भी चिराग को NDA का अहम सहयोगी मानती है और उनकी मांगों को गंभीरता से ले रही है। हालांकि, सीटों का आखिरी फैसला BJP के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा ही किया जाएगा।
महागठबंधन के लिए चुनौती
NDA के भीतर सीट शेयरिंग को लेकर जारी बातचीत के बीच महागठबंधन (RJD-Congress-Left) भी अपनी रणनीति तैयार कर रहा है। अगर NDA में सीट बंटवारे को लेकर कोई बड़ा विवाद होता है, तो यह महागठबंधन के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।