पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के तहत महागठबंधन की एक महत्वपूर्ण बैठक शनिवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के सरकारी आवास पर होगी। इस बैठक में घटक दलों के नेता आगामी साझा घोषणा-पत्र को अंतिम रूप देने पर विचार-विमर्श करेंगे। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में चुनावी रणनीति, साझा घोषणा-पत्र और आगामी रैलियों की योजना पर भी चर्चा होगी।
क्या होगा साझा घोषणा-पत्र में?
महागठबंधन के सूत्रों के मुताबिक, साझा घोषणा-पत्र में कई प्रमुख वादे शामिल किए जाएंगे, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
- महिलाओं के लिए ‘माई-बहिन मान योजना’ – प्रत्येक महिला को ₹2500 प्रतिमाह देने का वादा
- सामाजिक पेंशन ₹1500 तक बढ़ाने का आश्वासन
- 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली की सुविधा
- ₹500 में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने का वचन
- भू-हदबंदी कानून को प्रभावी ढंग से लागू करना
- निषाद समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग
इन वादों के जरिए महागठबंधन की कोशिश है कि वह बिहार के सभी वर्गों, विशेषकर महिलाओं, किसानों और पिछड़े समुदायों को सीधे तौर पर लुभा सके।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी होगी चर्चा
इस बैठक में हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के एक महत्वपूर्ण फैसले पर भी चर्चा होने की संभावना है। महागठबंधन के नेताओं का मानना है कि इस फैसले के बाद एनडीए सरकार के खिलाफ नए मुद्दे उठाए जा सकते हैं। साथ ही, यह भी तय किया जा सकता है कि आने वाले दिनों में सरकार के खिलाफ किस तरह का आंदोलन चलाया जाए।
महागठबंधन की अब तक की रणनीति
महागठबंधन ने पिछले कुछ महीनों में अपनी रणनीति को मजबूती से आगे बढ़ाया है। 17 अप्रैल को पहली बैठक में समन्वय समिति का गठन किया गया था, जिसकी अध्यक्षता तेजस्वी यादव को सौंपी गई। इसके बाद 12 जून को हुई बैठक में सभी घटक दलों ने अपनी पसंदीदा सीटों की सूची राजद को सौंपी थी। अब आज की बैठक में इन सभी मुद्दों को अंतिम रूप दिया जा सकता है।
महागठबंधन के नेताओं का मानना है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की योजनाओं ने जनता को पूरी तरह संतुष्ट नहीं किया है। ऐसे में, उनकी कोशिश है कि एक ऐसा घोषणा-पत्र पेश किया जाए जो सीधे तौर पर आम जनता से जुड़े मुद्दों को उठाए। इसके अलावा, चुनाव प्रचार के दौरान महागठबंधन की रणनीति यह होगी कि वह एनडीए की नीतियों पर सवाल उठाकर अपनी ताकत बढ़ाए।