Bihar Politics : पटना के कांग्रेस कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि बिहार में सत्तारूढ़ नेताओं ने “लोकलाज, मर्यादा और नैतिकता” को ताक पर रख दिया है। नकली दवाओं की सप्लाई में दोषी पाए गए मंत्री के इस्तीफा न देने पर कांग्रेस ने सरकार की चुप्पी पर भी सवाल खड़े किए।
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “एक समय था जब किसी जनप्रतिनिधि पर आरोप लगते ही वो अपने पद से इस्तीफा दे देता था, लेकिन आज जीवेश मिश्रा बेधड़क मंत्री बने घूम रहे हैं और डबल इंजन सरकार उन्हें संरक्षण दे रही है। कोई शर्म नहीं बची है।” उन्होंने आरोप लगाया कि जीवेश मिश्रा ऑल्टो हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड नामक एक फार्मास्युटिकल कंपनी के निदेशक थे, जिसकी दवा सिप्रोलीन-500 को राजस्थान में नकली और गुणवत्ता में घटिया पाया गया। ड्रग इंस्पेक्शन रिपोर्ट के अनुसार, यह दवा न केवल फेल हुई, बल्कि ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की कई धाराओं के तहत यह अपराध की श्रेणी में आती है।
ये धाराएं हैं गंभीर:
- धारा 16(1): गुणवत्ता में कमी आने पर दवा नकली मानी जाती है।
- धारा 17(A): चर्चित ब्रांड की नकल करके बनाई गई दवा नकली मानी जाती है।
- धारा 18: ऐसी किसी दवा का निर्माण और बिक्री प्रतिबंधित है जो गुणवत्ताहीन या गलत ब्रांडिंग वाली हो।
- इन धाराओं के तहत जीवेश मिश्रा को 1 से 3 साल तक की जेल और 20,000 रुपए जुर्माना हो सकता था।
- अन्य संबंधित धाराओं में 3 महीने से 1 साल की सजा और अलग-अलग आर्थिक दंड का प्रावधान है।
सुप्रिया श्रीनेत ने सवाल उठाया कि “इतनी गंभीर धाराओं में दोषी पाए जाने के बाद भी मंत्री को जेल क्यों नहीं भेजा गया?” उन्होंने आरोप लगाया कि अदालत ने मंत्री को केवल एक प्रोबेशन ऑफिसर की निगरानी में छोड़ दिया, जो इस मामले में सत्ता के दखल और संरक्षण की ओर इशारा करता है।
उन्होंने नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी कटघरे में खड़ा करते हुए कहा, “क्या यही है भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस? अगर कोई आम आदमी दोषी पाया जाता, तो क्या उसे भी इसी तरह बचाया जाता?” कांग्रेस ने मांग की है कि जीवेश मिश्रा को तुरंत मंत्री पद से हटाया जाए और उनके खिलाफ निष्पक्ष कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।