बिहार की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की लीगल सेल ने राजद सांसद पप्पू यादव, लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य और बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम समेत कई विपक्षी नेताओं को कानूनी नोटिस भेजा है। यह नोटिस बिहार सरकार में नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा के खिलाफ नकली दवा मामले में की गई टिप्पणियों को लेकर भेजा गया है। बीजेपी ने इन नेताओं को 15 दिन के भीतर माफी मांगने का निर्देश दिया है, नहीं तो कानूनी कार्रवाई की धमकी दी गई है।
मामला राजस्थान के राजसमंद में 2010 का एक पुराना केस है, जिसमें जीवेश मिश्रा सहित नौ आरोपियों को नकली दवाओं के वितरण के मामले में दोषी ठहराया गया था। हालांकि, 1 जुलाई 2025 को अदालत ने उन्हें जुर्माना भरने और सदाचार बनाए रखने की शर्त पर राहत दे दी। इसके बाद विपक्षी नेताओं ने जीवेश मिश्रा पर निशाना साधते हुए तीखे बयान दिए।
पप्पू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिश्रा को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की थी और उन्हें “नकली दवा माफिया” तक कह डाला। वहीं, रोहिणी आचार्य ने ट्विटर पर एनडीए सरकार को निशाना बनाते हुए लिखा कि “नकली दवा का कारोबारी मंत्री बना बैठा है।” कांग्रेस नेता राजेश राम ने भी इस मामले में जांच की मांग की थी।
बीजेपी लीगल सेल के समन्वयक आर. दीक्षित ने सोमवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में स्पष्ट किया कि जीवेश मिश्रा का नकली दवा कंपनी से कोई संबंध नहीं है और विपक्षी नेताओं ने जानबूझकर उनकी छवि खराब करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि हमने इन नेताओं को 15 दिन का नोटिस दिया है। अगर वे माफी नहीं मांगते हैं, तो हम कानूनी रूप से सख्त कार्रवाई करेंगे।