Jharkhand: झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी मंईयां सम्मान योजना में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। जांच में पता चला है कि बिहार के किशनगंज जिले और पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर के सैकड़ों लोगों ने गलत तरीके से इस योजना का लाभ उठाया है। हैरान करने वाली बात यह है कि इनमें मृतक व्यक्तियों और पुरुषों के नाम भी शामिल हैं, जबकि यह योजना केवल झारखंड की महिलाओं के लिए है।
झारखंड सरकार की इस योजना के तहत राज्य की विधवा, परित्यक्ता और अशक्त महिलाओं को ₹1,000 प्रतिमाह की वित्तीय सहायता दी जाती है। इसका उद्देश्य इन महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। लेकिन, जांच में पता चला है कि बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ लोगों ने नकली दस्तावेज बनाकर इस योजना का गलत फायदा उठाया।
जब झारखंड पुलिस ने किशनगंज जिले के ठाकुरगंज और पौआखाली थाना क्षेत्र में जांच शुरू की, तो पता चला कि 40 से अधिक लोगों के खाते में इस योजना की राशि जमा हुई है। इनमें से कई लोग तो दिल्ली-पंजाब में काम करते हैं, जबकि कुछ की मौत भी हो चुकी है।
मृतक को भी मिल रही थी सरकारी राशि!
- बरचौंदी पंचायत के मशरफ अली की मृत्यु 6 साल पहले हो चुकी थी, लेकिन उनके बैंक खाते में योजना की राशि जमा हो रही थी।
- 75 वर्षीय रियाजुल निशा को पता ही नहीं था कि उनके खाते में योजना का पैसा आया है।
- पुरुषों के नाम पर भी महिला योजना का लाभ लिया गया, जो साफ तौर पर धोखाधड़ी का मामला है।
जांच में पता चला है कि 3 सीएसपी संचालकों ने इस पूरे घोटाले को अंजाम दिया है। ये लोग बरचौंदी और खारुदह पंचायत के निवासियों के नाम पर नकली दस्तावेज बनाकर योजना का लाभ उठा रहे थे। झारखंड पुलिस ने इन सभी के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।
जांच टीम को पता चला कि पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर के 132 लोगों ने भी इस योजना का गलत लाभ उठाया है। इन सभी मामलों में झारखंड पुलिस और स्थानीय प्रशासन मिलकर जांच कर रहे हैं।
ठाकुरगंज थाना अध्यक्ष मकसूद अहमद अशरफी ने मीडिया को बताया कि झारखंड पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि लगभग 40 लोगों के नाम पर ₹2,500 प्रतिमाह की राशि गलत तरीके से निकाली गई है। हम सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।