बिहार में अपराध से अर्जित अवैध संपत्ति पर सरकारी एजेंसियों ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत अब तक 55 अपराधियों की संपत्ति जब्त करने का प्रस्ताव प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भेजा है। इनमें से 22 मामलों में लगभग 11 करोड़ रुपये की संपत्ति सरकार द्वारा जब्त भी की जा चुकी है। EOU के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इन मामलों में 36 मादक पदार्थ तस्कर, 10 बालू माफिया, 15 नक्सली और उग्रवादी तथा 4 कुख्यात अपराधी शामिल हैं।
चार बड़े अपराधियों की संपत्ति पर शिकंजा
इस साल जिन चार प्रमुख अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें पेपर लीक कांड का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया, बालू माफिया रामप्रवेश राय, कोटक महिंद्रा बैंक के शाखा प्रबंधक सुमित कुमार और एक अन्य बड़ा आपराधिक घटक शामिल हैं। EOU ने इन सभी के खिलाफ संपत्ति जब्ती का प्रस्ताव ED को भेज दिया है।
बालू माफिया और मादक पदार्थ तस्करों पर कार्रवाई
EOU के अनुसार, पटना और भोजपुर में अवैध बालू खनन के खिलाफ अब तक पांच एफआईआर दर्ज की गई हैं और 4.58 लाख घनफीट बालू जब्त किया गया है। इसके अलावा, जनवरी 2025 से अब तक EOU ने 4501 किलो गांजा, 78 किलो चरस और 40 हजार बोतल कोडीनयुक्त कफ सिरप जैसे मादक पदार्थ भी जब्त किए हैं। इन मामलों में 500 से अधिक धंधेबाजों को गिरफ्तार किया गया है।
बैंक धोखाधड़ी में बड़ा खुलासा
कोटक महिंद्रा बैंक, पटना के शाखा प्रबंधक सुमित कुमार के खिलाफ 35 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी का मामला सामने आया है। जांच में पता चला है कि यह रकम दक्षिण अफ्रीका और फिलीपींस की प्रतिबंधित कंपनियों को ट्रांसफर की गई थी। इस मामले की जांच में केंद्रीय एजेंसी आई4सी (I4C) भी शामिल है।
सहकारी बैंकों में 100 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी
डीआईजी ढिल्लों ने बताया कि पटना स्थित अवामी लीग सहकारी बैंक और वैशाली सहकारी बैंक में 100 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय अनियमितताएं पाई गई हैं। अवामी लीग बैंक में 15 करोड़ और वैशाली बैंक में 85 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के सबूत मिले हैं। इन मामलों में मुख्य आरोपी शाहबाज और गोपाल प्रसाद को गिरफ्तार किया गया है। जांच में पता चला है कि आरोपियों ने फर्जी एलआईसी पॉलिसियों और कोल्ड स्टोरेज के जाली दस्तावेजों के जरिए धोखाधड़ी की थी।
संयुक्त जांच और आगे की कार्रवाई
EOU ने स्पष्ट किया है कि कई मामलों में ED के साथ संयुक्त जांच चल रही है ताकि मनी लॉन्ड्रिंग के सभी पहलुओं को उजागर किया जा सके। डीआईजी ढिल्लों ने कहा कि आर्थिक अपराध और अवैध संपत्तियों पर कार्रवाई और तेज की जाएगी।