JPSC Scam: झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) में हुए बहुचर्चित भर्ती घोटाले में सीबीआई की विशेष अदालत ने शुक्रवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। कोर्ट ने JPSC के पूर्व अध्यक्ष दिलीप प्रसाद समेत तीन आरोपियों को भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के मामले में दोषी ठहराते हुए दो-दो साल की कैद की सजा सुनाई है। साथ ही प्रत्येक पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
29 लाख रुपये का सरकारी घोटाला
यह मामला वर्ष 2004 की उस घटना से जुड़ा है जब आरोपियों ने षड्यंत्रपूर्वक 29 लाख रुपये की सरकारी राजस्व क्षति पहुंचाई थी। सीबीआई ने इस मामले में वर्ष 2013 में RC 6/2013 केस नंबर के तहत FIR दर्ज की थी। दिलीप प्रसाद पर JPSC में नियुक्तियों के दौरान रिश्वत लेने और पद का दुरुपयोग करने के गंभीर आरोप थे।
हालांकि, अदालत ने दिलीप प्रसाद को राहत देते हुए अपील का अवसर दे दिया है और उन्हें अंतरिम जमानत भी प्रदान की है। विशेष अदालत ने इससे पहले अंतिम बहस के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था। यह फैसला JPSC भर्ती घोटाले से जुड़े दर्जनों मामलों में पहला है, जिसमें कोर्ट ने अंतिम निर्णय सुनाया है।
JPSC भर्ती घोटाला झारखंड के सबसे बड़े भ्रष्टाचार मामलों में से एक है। इस मामले में आरोप था कि आयोग के पदाधिकारियों ने भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी करके अयोग्य उम्मीदवारों को चयनित किया और बदले में भारी रकम वसूली। दिलीप प्रसाद का नाम इस घोटाले में प्रमुख रूप से उभरकर सामने आया था।